दिल में उतर गए उत्तरा साहू
कोरबा/ पाली (सत्ता की खोज) फूलों की क्यारी, पेड़ों की छांव, गुलदस्ता सा दिखने वाला स्कूल, अनुशासन,सजावट, एसएमसी मीटिंग,ग्रामीणों से मधुर संबंध स्टाफ के साथ समन्वय प्रतिवर्ष नवोदय, उत्कर्ष,एकलव्य,
आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में बच्चों का नियमित चयन,नवोदय कोचिंग, खेलकूद,वन भोज,पारम्परिक त्यौहार मनाना,संस्कार प्रदान करना,और न जाने क्या-क्या....... उनके नवाचार व सुकृतियों को नमन । तमाम सुंदर कारनामा, ऐसा सरकारी स्कूल जहाँ दूर-दूर के गांव से बच्चे पढ़ने/कोचिंग के लिए आते हैं। बच्चों की हर कमी को पूरा करने वाले श्री साहू जी सालों साल बच्चों के साथ रहकर अपने स्कूल का नाम ब्लॉक जिला, राज्य के हृदय पटल में सुरक्षित करा कर नाम रोशन किया।
एक इंजीनियर और एक डॉक्टर आपके पढ़ाए विद्यार्थी आपके पदस्थ गांव से बने।
बच्चों एवं उपस्थित जनसमूहों के नयन जवाब दे गये,अश्रु की धारा रोके नही रुक रहे थे,सबकी आंखें गीली कर श्री साहू जी पाली ब्लॉक से सलिहा भाठा कटघोरा चले गए। कमी खलेगी जब प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर चलेगा। श्री साहू जी के कारण तीनों शिक्षकों में समन्वय बना हुआ है । सरकारी स्कूल में स्वमेंय एक से बढ़कर एक नवाचार करने में महारत सौतापारा किसी परिचय का मोहताज नहीं,श्री साहू जी ऐसे स्कूल आते थे, जैसे किसी मंदिर में जाते हों, पूरी कर्तव्यनिष्ठा अपनापन व एकाग्रता लेकर शायद यही समर्पण व लगन के कारण लोग अपने चहेते शिक्षक को पलकों पर बिठा लिया, कुल मिलाकर सैकड़ो की संख्या में लोग बारी बारी से मिलने आते रहे ,उनके उज्जवल भविष्य की कामना लेकर.....। बहरहाल आधे घंटे के कार्यक्रम को 6 घंटे तक चलाना पड़ा। उपहारों की कतार लग गई,नामी-गिरामी लोग मिले। शिक्षक फेडरेशन के सिपहसालारों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।ऐसे शिक्षक को हमारा ब्लॉक गर्व करता है। अभिभूत हुआ सौता पारा
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