रायगढ़/धरमजयगढ़(IBN-24NEWS) महेन्द्र कुमार सिदार आदिवासी नेता ने अपने आदिवासी विचार कई राजनीतिक पार्टी को साधा निशाना और कहा:-
आदिवासी आबादी वाले राज्यों में विधानसभा चुनाव आ रहे हैं
जिसमें कुछ राज्य में लगभग आदिवासी आबादी - गुजरात में 16%,राजस्थान में 14%,मेघालय में 86.1%,मिजोरम में,94.4%,नागालैंड में 86.5%,छत्तीसगढ़ में 31%,त्रिपुरा में 31.8 कर्नाटक में 7%,तेलंगाना में 9.3% लगभग आबादी आदिवासियों की है,।आदिवासी वोटों से ही इसी साल यह भी तय होगा कि 2024 में देश में किस पार्टी की सरकार फिर से बनेगी या सरकार बनायेंगी।
आजादी के बाद आदिवासी समाज कांग्रेस पार्टी के साथ रहा लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी समुदाय को अपने बहुत से मूल हक अधिकारों से वंचित रखा , इसलिए आदिवासी कांग्रेस से धीरे - धीरे दूर जा रहा है। कुछ राजनीतिक पार्टियां आदिवासीयों को लुभाने में सफल हो रही है।
कांग्रेस पार्टी अब भी, आदिवासी लीडरशिप को स्वीकार नहीं कर पा रही, सिर्फ वोट बैंक मानकर ,कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय और राज्यों लेवल पर आदिवासी लीडरशिप को निर्णायक भूमिका में शामिल नहीं कर रही है। इतने वर्षों में ये बहुत भारी बिडम्बना है, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी आदिवासी मुद्दों को समझ ही नहीं पा रही है जिसका पुरा फायदा अन्य राजनीतिक पार्टियां उठा रहा है। कांग्रेस पार्टी को अगर अपनी बची हुई आदिवासी वोट बैंक बचानी है तो जहां कांग्रेस पार्टी की अभी सरकार बची है उन राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची ,पेशा कानून तुरंत लागू करना होगा।
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