भारतीय जनता युवा मोर्चा मरवाही के उपाध्यक्ष ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार का चौथा बज़ट लोक-लुभावन घोषणाओं का पुलिंदा है....।





संवाददाता- दीपक गुप्ता की खास रिपोर्ट


गौरेला पेंड्रा मरवाही(IBN-24NEWS) जिसमें प्रदेश की जनता को राहत देकर विकास की ठोस पहल की इच्छाशक्ति का नितांत अभाव है। भाजपा ने कहा कि पुरानी और विफल हो चलीं योजनाओं में मामूली हेरफेर करके प्रदेश को चकमा देने की कोशिश को पुरानी बोतल पर नया लेबल लगाकर खपाने की प्रदेश सरकार बाजीगरी दिखा रही है लेकिन प्रदेश की जनता इस राजनीतिक पाखंड को भलीभाँति समझ रही है। यह लोक-बज़ट कम, फेक-बज़ट ज़्यादा है।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश का यह बजट पिछले तीन बजटों की तरह प्रदेश को रिवर्स गियर में ले जाने वाला है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब तक 51 हजार करोड़ रुपए की कर्ज ले चुकी है। जिसके लिए प्रतिमाह 600 करोड़ रुपए व साल में 7200 करोड़ ब्याज की राशि पटानी होगी। वहीं केन्द्र सरकार से 44575 करोड़ रुपए राजस्व प्रदेश को प्राप्त होना है। इस तरह से पूरे बजट में ऐसे कुछ भी प्रावधान नहीं रखें गए है जिससे यह स्पष्ट हो कि सरकार की मंशा क्या है? 14600 करोड़ रुपए का बजट घाटा अनुमानित है जो 3.3 प्रतिशत है। मगर इससे ऋण जमा करने के लिए अधिक प्रावधान रखा गया है। परिसंपत्ति के निर्माण के लिए खर्च नहीं होगा और प्रदेश का विकास इससे थम जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के बेरोजगारी भत्ता की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रदेश के 10 लाख युवाओं को 9000 करोड़ रुपए का भत्ता देना है जिसे प्रदेश सरकार ने अब तक शामिल नहीं किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कहीं भी चिंता नहीं है। अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं रखा है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 14 प्रतिशत डीए व चार स्तरीय वेतनमान सहित बढ़ा हुआ गृह भाड़ा की भी व्यवस्था नहीं है।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह बजट आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर अपने चुनाव की चिंता करते हुए यह बजट पेश किया गया, उक्त बाते पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। आकर्ष ने कहा कि यह बजट पूर्ण रूप से ढोंगी सरकार का ढोंग वाला बजट है इससे प्रदेश की जनता को कोई लाभ नही मिलने वाला। अपनी नाकामी को छुपाने लोक लुभावन बजट पेश किया है। प्रदेश की भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वृद्धजनों के लिए भाजपा सरकार ने तीर्थ यात्रा योजना लागू की थी उसे क्यों बंद कर दिया गया, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का जो वायदा किया गया था उसका क्या हुआ, इसके पूर्व सरकार द्वारा जो बजट पेश किए गए थे उसका क्या हुआ उस बजट में जो सब्ज बाग दिखाए गए थे वही हाल इस वर्ष के बजट में दिख रहा है। सरकार सिर्फ कर्जा ले लेकर सरकार चला रही है प्रदेश की जनता को कर्ज के बोझ तले लाद दिया है। बजट में निराशा और छलावे के सिवा कुछ नही है। यह बजट दिशाहीन है। बजट में प्रदेश की महिलाओं, बेरोजगार युवाओं, किसानों, मजदूरों, बुजुर्गो एवं बेटियों के लिए निराशा के सिवाय कुछ भी नही है। आकर्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने वाले सपना बेचकर केवल वाहवाही लूटने वाला बजट पेश किया है। ने कहा कि किसानों के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाकर सस्ती राजनीति करने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों के जीवन-स्तर के उठाने और खेती-किसानी के काम को सुगम और लाभपरक बनाने का कोई संकल्प इस बज़ट में व्यक्त नहीं किया है। उत्तरप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट के नाम पर बगलें बजाती प्रदेश सरकार अपने चौथे बज़ट में भी अपने इस वादे पर ख़ामोश है और किसानों के साथ छलावा करने के अलावा और कुछ नहीं कर रही है। सिँचाई योजनाओं के लिए भी किया गया अत्यल्प बज़ट प्रावधान सरकार के किसान विरोधी चरित्र का परिचायक है। किसानों के साथ क़दम-क़दम पर दग़ाबाज़ी करने वाली सरकार ने किसानों को केवल त्रस्त और आत्महत्या के लिए मज़बूर ही किया है।

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