कोरबा/चैतमा(IBN-24NEWS) कई ऐसे विभाग हैं जहां लंबे समय से अधिकारी कर्मचारी जमे बैठे हैं, वन अधिकारी व कर्मचारियों के एक ही जगह जमा रहने के कारण विभागीय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। हैरत वाली बात तो यह है कि कई अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो विगत कई वर्षों से एक ही टेबल पर जमे हैं। जिससे शासन के योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी गंभीर लापरवाही साफ देखी जा सकती है। खासकर वन विभाग जैसे कई संवेदनशील विभाग हैं जहां ऐसे भी कई कर्मचारी हैं जो शुरू से ही यहीं जमे हुए हैं। जबकि शासन के नियमानुसार किसी शासकीय अधिकारी कर्मचारी को तीन वर्षों से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं किया जा सकता, लेकिन चैतमा वन परिक्षेत्र मे ऐसा नहीं हो पा रहा लम्बे समय से वन विभाग के कर्मचारीओ का एक जगह बने रहने से इनकी कार्यशैली ही बदल गईं काम मन मर्जी के हिसाब से हो गया है। बताना लाजमी होगा की सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यलय चैतमा मे वषों से ताला लटका रहता है। चैतमा वनपरिक्षेत्र मे सहायक वनपरिक्षेञ अधिकारी का कार्यालय सह निवास का भवन है।
जिसमें विगत कई वर्षों से ताला लटक रहा हैं। यहां पदस्थ सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी ललित वर्मा यहां पर नही रहते है। ना ही यहाँ नियमित कार्यालय खोलते.जिससे यहां कार्यालय एवं निवाश का भवन जर्जर होकर गिरने लगा हैं पूर्व मे यहां पर डिपो संचालित था। जिससे लोगों को बांस जलाऊ लकडी आदि सुलभता से मिल जाता था। परंतू यहाँ पर पदस्थ अधिकारी एव कर्मचारी नही होने से अंतिम संस्कार के लिए लकडी भी नही मिल पाता। जिससे परेशानी का सामना करना पडता हैं.. एक तरफ शासन द्वारा पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के तहत पौधारोपण कर पर्यावरण को संतुलित करने का प्रयास किया जा रहा है। तो दूसरे तरफ लपरवाह अधिकारी शासन की योजना को विफल कर रहे है जिससे वनो का अवैध रूप से लकडी का कटाई हो रहा है एवं अवैध खनन हो रहा हैं इस तरह वन परिक्षेत्र होते हुए भी यहां पर वन कर्मचारियों का यहां नही रहना एवं आफिस नही खुलने से यहाँ का भवन जरजर होकर गिरने के कगार पर है इसका जानकारी होने पर भी किसी प्रकार की कार्य वाही नही होना समझ के परे हैं ग्रामीणओ की मांग है की सक्षम अधिकारी से उचित कार्यावाही की मांग करते हैं एव यहाँ पदस्थ सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी को हटाते हुए दूसरे अधिकारी को प्रभार देकर कार्यालय का नियमित संचालन किया जाए।
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