कोलफील्ड एरिया में अवैध ईट भट्ठा का कारोबार जोरों पर खनिज विभाग के कार्यवाही नहीं किए जाने पर उठ रहे हैं सवाल।






सूरजपुर/-- जिले भर के आसपास कोयलांचल क्षेत्रों सहित जंगलों में अवैध बंगला भट्टा का संचालन किया जा रहा है। जिसमें समस्त नियमों को ताक में रखकर बड़े पैमाने पर आबादी क्षेत्रों एवं बस्तियों के अंदर ईट भट्टा का कारोबार चल रहा है।





जानकारी अनुसार जिले के बरौधी, बिसाही पोड़ी, अनरोखा, डुमरिया, बरपारा, धरमपुर, जगरनाथपुर, डेडरी, सलका, मानी, केतरा, सपकरा, पोड़ी, जोबगा, केतका, भरतपुर, गेतरा जैसे अनेको क्षेत्रों में बस्तियों में ईंट भट्टा संचालित है, चूँकि जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के बस्तियों से तीन – चार सौ मीटर दूर ईंट भट्टो व जंगलो से पांच किलोमीटर दूर भट्टो का संचालन होना चाहिए, लेकिन इन क्षेत्रों में बस्तियों के अंदर अवैध ईंट भट्टो का संचालन हो रहा है। खास बात यह है की गांव में बस्तियों के अंदर एवम् जंगलो में भी भट्टो का संचालन किया जा रहा है, ताकि शासन प्रशासन के नज़रो में बचा जा सके। इन पर कोई कार्यवाही नही होने से उक्त कारोबार से शासन के राजस्व की भी क्षति हो रही है साथ ही अवैध ईंट भट्टो के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है व् साथ ही अवैध रूप से चल रहे ईंट भट्टो पर कार्यवाही न किये जाने से विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आज तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने से अवैध् कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। इन सभी क्षेत्रों के स्थानों पर सैकड़ो की संख्या में भट्टे लगे हुए हैं और लगभग सभी ईंट भट्टो में चोरी का कोयला उपयोग हो रहा है।



क्षेत्र में इन दिनों अवैध ईट भट्ठों का संचालन जोर-शोर चल रहा है। संचालकों द्वारा न तो खनिज नीति का पालन किया जा रहा है और न ही स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य की कोई चिंता। बाहर से मजदूर बुलाकर गुणवत्ताहीन ईंट से मोटी रकम कमा रहे हैं।



वही सूरजपुर जिला में  अत्यधिक कोल माइंस होने के कारण  कोल माइंस के आसपास के इलाकों में बड़ी मात्र में छोटे-बड़े ईंटों का भट्ठा लगाया गया है क्योंकि इन क्षेत्रों के आसपास में ईटा भट्ठा लगाना इनके लिए सुविधाजनक होता है कारण यह है कि इन ईटा भट्ठा के मालिकों को ईटा जलाने के लिए कोल माइंस से कोयला आसानी से उपलब्ध हो जाता है यह रातों में लेबरों के द्वारा कोयला चोरी करवा कर ईटों को जलाते हैं जो क्षेत्र में निजी निर्माण के अलावा शासकीय कार्यों के लिए इसका उपयोग हो रहा है, जिसके लिए खनिज विभाग से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है न ही रहती है लेकिन आसपास ग्रामीण अंचलों कई ईट भट्ठे लगाए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन इन अवैध भट्ठों पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो पा रहा है और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई कर रहे हैं। यह सिलसिला हर वर्ष देखने को मिलता है। वहीं विभागीय की ओर से कसावट नहीं होने के कारण ईट भट्ठों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। वहीं राजस्व की भारी क्षति हो रही है इसके साथ ही जिले में सैकड़ों की संख्या में खनिज विभाग के सर पर अवैध ईंट भट्टे संचालित हैं। यहां जिस प्रकार चोरी का कोयला उपयोग किया जा रहा है। वह खनिज एवं वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल लगाने के लिए काफी है।



नहीं हो रही कार्रवाई, हो सकता है बड़ा हादसा

अवैध रूप से संचालित ईंट भट्टों में बाल श्रम भी कराया जा रहा है। जिससे बच्चे कभी भी बडे हादसे का शिकार हो सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी जिले के आलाधिकारी इस ओर ऐसे नजरें फिराए बैठे हैं जैसे सबकुछ ठीक ठाक चल रहा हो। इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने जिले के लिए खनिज, राजस्व व पुलिस विभाग सब कुछ देख कर भी अपना नजर घुमाए बैठे हैं जैसा कि इन्हें कुछ मालूम ही नहीं।




ब्यूरो चीफ/-- मोहन प्रताप सिंह IBN24 न्यूज चैनल, जिला सूरजपुर, छत्तीसगढ़। 9098941446

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