कोरबा/पाली:-जनपद पंचायत पाली के अंतर्गत बीहड़ वनांचल एवं पहाड़ी क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत जेमरा जहाँ के उपसरपंच भंवरसिंह सहित सभी 10 पंचों ने सरपंच राजकुमार जगत एवं सचिव निर्मलदास मानिकपुरी पर मनमानी और मूलभूत, 14वे वित्त के अलावा शासकीय निर्माण कार्यों की राशि का भी गबन तथा मजदूरी राशि भुगतान लंबित व पंचायत कार्यों एवं योजनाओं से जुड़ी कोई भी जानकारी नही देने सहित शराब के नशे में अक्सर पंचों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का आरोप लगाते हुए इस आशय की शिकायत गत माह 24 अगस्त 2020 को कटघोरा एसडीएम एवं 25 अगस्त को पाली सीईओ एमआर कैवर्त से लिखित तौर पर करते हुए सरपंच- सचिव के विरुद्ध उचित जांच व कार्यवाही नही होने पर अपने पद से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया गया था।शिकायत के आधार पर पाली सीईओ द्वारा टीम गठित कर जांच का जिम्मा सौंपा गया जहाँ जांच दल द्वारा 21 सितंबर को जेमरा पहुँचकर शिकायत की जांच की गई जिसमे भारी- भरकम गबन पाते हुए करीबन अठारह लाख रुपए वसूली योग्य पाया गया।किंतु जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को उचित कार्यवाही हेतु भेजने के बजाय जनपद पंचायत कार्यालय के अधिकारियों द्वारा दोषी सरपंच- सचिव को बचाने के प्रयास में पंचों के बीच आपसी सहमति बनाई गई।जिसके तहत सरपंच- सचिव द्वारा 30 अक्टूबर तक लंबित राशि का भुगतान किए जाने के अलावा बिना प्रस्ताव किसी भी मद या योजना से राशि आहरण नही करने सहित बिना कार्य कराए आहरण किये गए राशि को जमा करने 23 अक्टूबर को शपथपत्र दिया गया था।लेकिन उक्त तिथि तक किसी भी प्रकार का कोई भी भुगतान नही किया गया और ना ही राशि समायोजन किया गया।जिसकी पुनः शिकायत 05 नवंबर को पंचों द्वारा पाली सीईओ से करते हुए सरपंच- सचिव द्वारा जारी शपथपत्र को शून्य कर शिकायत यथावत रखते हुए उचित कार्यवाही की मांग की गई है।उक्त विषय में उपसरपंच भंवरसिंह का कहना है कि पाली जनपद कार्यालय के अधिकारियों- कर्मचारियों द्वारा लाखों रुपए गबन के दोषी सरपंच- सचिव को प्रारंभ शिकायतकाल से ही बचाने का प्रयास किया जा रहा है।जिसके कारण जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को अबतक भेजा नही गया है।वहीं सरपंच- सचिव बिना कार्य आहरण लाखों की राशि का फर्जी बिल बाउचर तैयार कराने एनकेन प्रकरेण की प्रक्रिया में लगे है ताकि अपने विरुद्ध हुए शिकायत को शिथिल किया जा सके।उपसरपंच ने कहा है कि यदि उनके शिकायत पर उचित कार्यवाही नही किया जाता है तब सभी पंचगण ग्रामीणों के साथ आंदोलन हेतु बाध्य रहेंगे।
पाली जनपद में अंगद के पांव की तरह जमे शिक्षा विभाग के एक बाबू का भष्ट्राचारी सरपंचों- सचिवों को संरक्षण:-
जनपद कार्यालय में अटैचमेंट पर वर्षों से जमे आदिम जाति कल्याण विभाग का एक चर्चित बाबू का संरक्षण पाली विकासखण्ड के भष्ट्राचारी सरपंचों- सचिवों को मिलता आ रहा है जिसके कारण विकास राशि का गबन करने वाले ऐसे सरपंच- सचिव के हौसले काफी बुलंद है और वे बेखौफ होकर जनता के पैसों का दुरुपयोग करते हुए गांव विकास की आड़ में अपना विकास करने में लगे हुए है।और ऐसा हो भी क्यों नही, जब सैयां भयै कोतवाल- तो डर काहे का...!
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