बुजुर्ग व्यक्ति ने किया इच्छा मृत्यु की मांग ,एसईसीएल के कोल अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर उठाया अनगिनत सवाल।

 


बरसों से न्याय के लिए खटखटा रहा न्यायालय के दरवाजे, न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहे कोल अधिकारी।

बिलासपुर/कोरबा(आईबीएन-24) अरुण कुमार नाम के 70 वर्ष के बुजुर्ग व्यक्ति ने  न्याय  न मिलने के स्थिति में राष्ट्रपति से ईक्षामृत्यु प्रदान करने की मांग करते हुए बिलासपुर के हाई कोर्ट परिसर में संवाददाताओं से विस्तार से अपनी बात कही । उन्होंने कहा की वह सन 1983 से 1992 तक एस. ई. सी. एल. गेवरा परियोजना में कार्यरत रहा फिर उन्हे 25/01/1993 को गेवरा एस ई सी एल परियोजना से कोल  परियोजना सोहागपुर  तबादला कर दिया गया , तबादला करने का कारण झूठा आरोप था जिसमे कोल अधिकारीयों के द्वारा

झूठा आरोप लगाते हुए कहा गया कि उसने  इंजीनियर जे. वीरप्पा के साथ मारपीट किया है ।जबकि जे वीरप्पा ने तीन व्यक्तियों के ऊपर आरोप लगाया था जिसमे मैं स्वयं, जनि राम और देवराज तीनों का नाम सामिल था । जिसमे सन 1990 में पुलिस अधिक्षक कोरबा ने इंजीनियर जे. वीरप्पा के द्वारा दिए शिकायत पत्र का साक्ष्य साबित न होने के कारण आवेदन को निरस्त कर दिया ।

लेकिन बाद में कोल अधिकारीयों ने  केवल अरुण कुमार को ही अकेले सुहागपुर कोल परियोजना ट्रांसफर कर दिया गया । सुहागपुर के कोयला खदान मे डयुटी ज्वाइन करने के पश्चात अरुण कुमार के ऊपर जानलेवा हमला करा दिया गया । हुए हमले से डरे सहमे हुए अरुण कुमार के द्वारा सुहागपुर से वापस आकर कोरबा जिले के  गेवरा के उप थानाक्षेत्र हरदी बाजार में सुहागपुर में हुए हमले की शिकायत दर्ज कराई और कोल अधिकारीयों के समक्ष गेवरा प्रोजेक्ट वापसी के लिए विनय याचना किया परंतु कोल अधिकारीयों ने अनदेखा कर दिया जिससे कुपित अथवा नाराज होकर अरुण कुमार के द्वारा दिल्ली राष्ट्रपति भवन के सामने आत्मदाह का कदम उठाया गया था जिसे वहा तैनात सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह से बचा लिया था ,बुजुर्ग व्यक्ति अरुण कुमार ने कहा की कोल अधिकारीयों ने षडयंत्र पूर्वक मुझे नौकरी से बेदखल किया है उन्होंने मीडिया से कहा की कोल इंडिया के कोल अधिकारी कोल माफियाओं को  संरक्षण प्रदान करते है । कोल अधिकारीयों को कोल माफिया के नाम के साथ संबोधित करते हुए बुजुर्ग अरुण कुमार ने बिलासपुर हाई कोर्ट की सुनवाई तारीख 27/02/2023 को हाई कोर्ट परिसर में पत्रकारों के सामने चीख चिल्ला कर कोल अधिकारीयों के कार्य प्रणाली पर कई सवाल उठाए उन्होंने कहा की छत्तिसगढ हाई कोर्ट ने अलग अलग दिनांक को पूर्व में मेरी नौकरी बहाल करने एवं क्षतिपूर्ति प्रदान कराए जाने आदेशित भी किया परंतु लापरवाह कोल अधिकारी इसे भी अनदेखा और अनसुना कर दिया। बुजुर्ग अरुण कुमार ने कहा की कई बरस से अपने हक की लड़ाई लड़ते कोल माफियाओं द्वारा किए हमले में एक आंख गंवा चुका हूं ।यह हक लड़ाई लड़ते मेरी उम्र गुजर गई मेरा परिवार बिखर गया । अब अगर मरने के वक्त में न्याय नहीं मिला तो जीने का क्या फायदा कहते हुए उन्होंने आगामी दिनांक की सुनवाई में न्याय न मिलने की स्थिति में ईक्षामृत्यु की मांग करते हुए आत्मदाह कर अपनी ईह लीला समाप्त करने जैसी गंभीर बात कही है ।

Post a Comment

0 Comments