कोरबा (आईबीएन-24) राजस्व मंत्री के जिले में राजस्व विभाग की कारगुजारियों का नाम नहीं ले रहा। गेरारोड-पेंडारारोड़ रेल कॉरिडोर परियोजना में संयुक्त खाते में भू-अर्जन के बाद थर्ड डिस्ट्रिब्यूशन में ऐसा खेला गया कि जीवित वारिसों को राजस्व रिकार्ड में मृत प्रतिबिंब दिया गया। 6 लाख रुपए के अंदर से एक सिक्कड़ भी नहीं पाने वाले जीवित वारिसान ने कलेक्टर जन चौपाल में अपने जीवित होने के प्रमाण देते हुए कूट रचना करने वाले पट सहितवारी उनके हिस्से की मित्र की राशि हड़पनेयर्स के विरुद्घ कार्रवाई करने की गहरा झाग। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
राजस्व विभाग की कूट रचना से पीड़ित कटघोरा थाना क्षेत्र ग्राम बरतराई निवासी प्रार्थी विक्रम दास पिता लछनदास पनिका 35 वर्ष ने कलेक्टर जनचौपाल में निर्देशे शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि मौजा ग्राम डोंगरराई तहसील पोंडी उपरोड़ा में उनके पूर्वज की भूमि ख। न.390/2 रकबा 0. 162 हेक्टेयर भूमि गेवरारोड, पेंडारारोड रेल कॉरिडोर में झलकती है। कौन जरा राशि को नारायणदास (फूफा)) निवासी गांगपुर एवं बचनदास पिता ज्ञानदास पटवारी से मिलीभगत कर जालसाजी कड़ाई से उनका (विक्रमदास) का स्वतंत्र नामांतरण पत्र में फौत प्रतिबिंबकर जमीन की दो किश्त की 6 लाख रुपये की अन्याय राशि को अकेले हड़प लिया है। मेरे पूर्वज जुगल दास पिता मनहगू दास की रेल कारीडोर में इलेक्ट्रोलाइट का भी उनका हड़प लिया गया है। संबंधितों ने पटवारी को गलत जानकारी देकर नामांतरण पत्र में उन्हें मृत दर्पण दिया है।पीड़ित ने कलेक्टर से प्रकरण में लेजर सहित पटवारी सहित उनके स्वामित्व के लिए भूमि का अन्य डकारनेयर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घूम रही है। पीड़ित विक्रमदास ने एपिसोड में 29 नवंबर 2022 को कलेक्टर एसपी को प्रस्तुत किए गए शिकायत पत्र का प्रति भी दिखाई दिया। इसके बावजूद आज पर्यन्त उन्हें न्याय नहीं मिला। एक्शन की गर्जना हो रही है। पीड़ित विक्रमदास ने एपिसोड में 29 नवंबर 2022 को कलेक्टर एसपी को प्रस्तुत किए गए शिकायत पत्र का प्रति भी दिखाई दिया। इसके बावजूद आज पर्यन्त उन्हें न्याय नहीं मिला। एक्शन की गर्जना हो रही है। पीड़ित विक्रमदास ने एपिसोड में 29 नवंबर 2022 को कलेक्टर एसपी को प्रस्तुत किए गए शिकायत पत्र का प्रति भी दिखाई दिया। इसके बावजूद आज पर्यन्त उन्हें न्याय नहीं मिला।
गोलाकार को जीवित होने से जुड़े चित्र दस्तावेज़
कलेक्टर जनचौपाल में विक्रमदास पिता लछनदास ने अपने जीवित होने एवं राजस्व विभाग की रचना से जुड़े विभिन्न दस्तावेज़ के तौर पर प्रस्तुत किए। जिसकी प्रति मीडिया को भी दिखाई दी। किस अधिकार अभिलेख, 2007 का पंचनामा, बी वन प्रस्तुतिकरण। अधिकार अभिलेख और पंचनामा में उनका नाम वारिसान के तौर पर दर्ज है जबकि बी वन में उनके नाम की सम्मुख कूट रचना की गई है।
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