50 किलो से ज्यादा गांजा तस्करी का आरोपित, कैसे बन गया पाक्षिक अखबार का स्टेट हेड

 


बिलासपुर (आईबीएन-24)। पत्रकारिता जिसका काम आम जनता को खबर पहुंचाने का है, इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों की स्थिति विशेषकर पत्रकारों की उन पत्रकारों की जो खबरों पर काम करके ही अपना जीवन यापन करते हैं, को इन दिनों एक नए तरीके का खतरा पैदा होता जा रहा है और यह खतरा केवल व्यक्तिगत नहीं पूरे पत्रकार जगत के लिए है। भले ही खतरा पैदा करने वाले संख्या में ई-मित्र हैं पर इनके द्वारा फैलाई जा रही गंदगी बहुत ज्यादा है। कोई खबर लिखने के कारण किसी पत्रकार को षडयंत्र पूर्वक जेल भेज दिया जाए उसमें भी पत्रकार जगत अपने पीड़ित साथी के साथ खड़ा हो सकता है, होता है पर यहां मामला दूसरा ही है। बिलासपुर में कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में कुछ तत्व केवल इसलिए सक्रिय होते हैं की उन्हें अपराधिक गतिविधियों में काम करना है, और उसी से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करनी है ऐसे तत्व पत्रकारिता का कवच केवल पुलिस से बचने के लिए इस्तेमाल करते हैं। 5 मार्च 2022 के दिन एक ऐसा ही तत्व गांजा तस्करी के आरोप में पकड़ा गया मामला कोटा थाना क्षेत्र का था, गांजा तस्करी का माल 100- 50 ग्राम 1 - 2 किलो नहीं कई किलो था आरोपी स्वयं की कार में गांजा सहित पुलिस द्वारा पकड़ा गया उस समय खबरों में कहीं से भी यह बात बाहर नहीं आई कि गांजा तस्कर पत्रकारिता के पेशे से भी संबंध रखता है। उसके साथ जब वह गिरफ्तार हुआ पत्रकारिता क्षेत्र के परिचय पत्र भी जप्त हुए थे और यह बात एफआईआर में दर्ज है पर खबरों में नहीं लिखी गई। लंबे समय तक यह तत्व जेल में बंद रहा। लगभग साल भर बिलासपुर सेंट्रल जेल में बंद रहने के बाद उसे जमानत का लाभ प्राप्त हो गया। अपराध जगत में कहा जाता है कि जिस धंधे से जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई उसी धंधे में होती है। पता चला है कि इस बार यह गांजा तस्कर छत्तीसगढ़ के बाहर पड़ोसी राज्य की राजधानी से प्रकाशित होने वाले एक पाक्षिक अखबार का छत्तीसगढ़ प्रमुख बंद कर दोबारा सक्रिय हो गया बिलासपुर में खबर लिखने वाले और खबरों पर काम करने वाले जानते हैं कि गांजा तस्करी का आरोपी यह व्यक्ति पत्रकारिता कर रहा है। लिहाजा उसे अपने कार्य क्षेत्र में शामिल नहीं करते पर जिले के बाहर यह तथ्य कम लोगों को पता है, लिहाजा गांजा तस्कर महोदय पत्रकार बनकर अन्य जिलों में घूमते हैं। दोबारा अपने पूर्व धंधे से एक नई गाड़ी हासिल कर ली गई है और इस बार अपने साथ अपने ही विधा में माहिर विभिन्न मामलों में जेल काट आए लोगों को शामिल कर लिया गया है तो अब यह पाक्षिक अखबार अकेला नहीं टीम के रूप में काम कर रहा है।



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