जल जीवन मिशन फैल : ढाई करोड़ की योजना भ्रष्टाचार ,तकनीकी खामियों की चढ़ गई भेंट ,

 


निर्धारित मियाद के 6 माह भी योजना अधूरी एक बूंद भी नहीं मिला पानी ,ग्रामीण करेंगे शिकायत ,देखें कोरबा के इस ग्राम का हाल .......

कोरबा (आईबीएन-24) प्रदेश शासन की 4 साल के कार्यकाल में संचालित योजनाओं की जमीनी स्थिति  का जायजा लेने एवं आम जनता की मांग समस्याओं से सीधे रूबरू होने मिशन 2023 के तहत शुरू किए गए भेंट मुलाकात कार्यक्रम  के तहत एक तरफ जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का  आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के पाली तानाखार विधानसभा में कार्यक्रम प्रस्तावित है वहीं दूसरी ओर उनके आगमन के लिए प्रस्तावित सरहदी ग्राम मोरगा में जल जीवन मिशन की महती योजना दम तोड़ रही। कुल  1  करोड़ 57 लाख की योजना में ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारियों का ऐसा गठजोड़ हुआ है कि योजना कागजों में तो बेहतर दिख रही है लेकिन जमीनी हालात इससे बिल्कुल इतर हैं। हमारी  पड़ताल में योजना की स्थिति भयावह नजर आई। तकनीकी खामियों की वजह से लाखों ओव्हरहेड टँकी लीकेज हो रही वहीं कई मोहल्लों में लगे नल में टोंटी ही नहीं लगे। पाईप लाइन कनेक्शन भी आधे अधूरे मिले।इस अव्यवस्था एवं जलसंकट की समस्या से आहत   ग्रामीण सीधे अपने प्रदेश के मुखिया के समक्ष शिकायत का मन बना चुके हैं। 



यहां बताना होगा कि ग्रामीणों के घरों तक शुद्ध जल पहुंचाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है। योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को सरल व सुलभ तरीके से जलापूर्ति कर  जलजनित बीमारी की चपेट से बचाकर बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करना है। लेकिन  आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में इसकी कुछ अलग ही तस्वीर नजर आती है। बात करते हैं जिले के उस ग्राम की जहाँ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात का  कार्यक्रम प्रस्तावित है । जी हां पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मोरगा में सीएम के प्रवास की तैयारियां चल रही हैं। जहाँ  हमने सीधे   ने मौके पर पहुंचकर जल जीवन मिशन की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की। 4 जनवरी को  पड़ताल में 1 करोड़ 57 लाख की योजना में खामियां ही खामियां नजर आईं। 31 जुलाई 2021 को जारी कार्यादेश के तहत योजना को वर्षा ऋतु सहित 9 माह में मार्च 2022 तक  पूरा करना था। लेकिन आज पर्यन्त यह योजना शुरू नहीं हो सकी। हालांकि इसके पीछे विभाग के अधिकारी गांव में लो वोल्टेज की समस्या को विलंब का  प्रमुख वजह बता रहे । अब बात करें कनेक्शन की तो जहां गोंड़पारा में बिना बिना टोंटी के नल का स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया है ,पाइप लाइन का पता नहीं है। जूनापारा,मिशनपारा,प्लाट मोहल्ला में पाइप लाइन मनमाने तरीके से बिछाई गई है लेकिन यहाँ भी अधिकांश घरों के नल कनेक्शन में टोंटी नहीं लगी है। लोग नल कनेक्शन वाले स्ट्रक्चर में कहीं लकड़ी रख रहे तो कहीं कंडे रख रहे हैं। तो कहीं लताओं से अटे पड़े हैं। हालांकि विभाग के एसडीओ मोरगा के ही कुछ अन्य मोहल्ले में  8 जनवरी को टेस्टिंग कर पानी पहुंचाए जाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत जानने स्वयं जिला प्रशासन  को मोरगा के योजना का जायजा लेना होगा। एक एक किलोमीटर दूर तक कई मोहल्लों से पानी ला रहे ग्रामीणों के धैर्य का बांध टूट पड़ा है वे अपने मुखिया के ठेकेदार एवं जिम्मेदार अधिकारियों की शिकायत का मन बना चुके हैं। 


तीन जगह तकरीबन 4 करोड़ का काम कर रही फर्म ,गुणवत्ता की जांच जरूरी 

मोरगा में जल जीवन मिशन के तहत मेसर्स ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स काम कर रही। 1 करोड़ 57 लाख की जल प्रदाय योजना का दायित्व के अलावा फर्म कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जवाली में 2 करोड़ 11 लाख 54 हजार तो  ढुरेना में 2 करोड़ 20 लाख 64 हजार का कार्य कर रही । इस तरह जल जीवन मिशन का कुल 5 करोड़ 90 लाख 4 हजार की लागत से स्वीकृत 3 कार्य कर रही। जिसकी गुणवत्ता व कार्यों की गति किसी से छुपी नहीं। इन सभी योजनाओं की प्रशासन को तत्काल जांच करना चाहिए । नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब जांजगीर -चाम्पा की तरह कोरबा के अधिकारी भी   जल जीवन मिशन के कार्यों को लेकर  सदन के निशाने पर होंगे। 



ओवहरहेड टँकी में तकनीकी खामियां ,उद्घाटन से पहले लीकेज 

लाखों की लागत से निर्मित ओवरहेड टँकी तकनीकी खामियों एवं गुणवत्ता की अनदेखी की भेंट चढ़ गई। किसी तरह पाइप लाइन बिछाकर  टेस्टिंग की गई थी। उसमें भी जूनापारा ,प्लॉटपारा,मिशनपारा के लिए स्थापित ओवरहेड टँकी में लीकेज आ रहा है। प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा जबकि ग्रामीणों के घरों तक एक बून्द पानी नहीं पहुंची। 


जानें हितग्राहियों का क्या कहना 👇


1 किलोमीटर दूर से लाती हूँ पानी ,स्ट्रीट लाइट भी बंद


योजना का लाभ नहीं मिला । साल भर से नल बिना टोंटी के लगाकर चले गए हैं। घरवालों की  प्यास  बुझाने के लिए मैं करीब एक किलोमीटर दूर स्कूल जाकर नल से पानी लाती हूँ। सीएम सर के समक्ष समस्या रखेंगे। सौर ऊर्जा की स्ट्रीट लाइट भी महीनों से  बंद पड़ी है । पूरा कच्चा मार्ग अंधेरे में डूबा रहता है। 


कांता अघरिया ,जूनापारा 


टँकी में लीकेज है  पानी बहता है हमें एक बूंद नहीं मिला

6 माह से कनेक्शन लगा शो पीस जैसे छोंड़ दिए ,घांस फूंस से अटेंगे ही। ओवरहेड टँकी लीकेज है रोज पानी बहते देखते हैं घर तक एक बूंद नहीं पहुँचा। बहुत परेशानी हो रही। मुख्यमंत्री जी  से फरियाद करेंगे। 



शांतिबाई,प्लॉट मोहल्ला 




कनेक्शन लगाए  पाइप लाइन का पता नहीं 

घर मे कनेक्शन तो लगाए हैं लेकिन पाइप लाइन का पता नहीं । बिना पाइप लाइन कनेक्शन किस काम का। पानी ही नहीं मिला।अव्यवस्था से पूरा मोहल्ला दुखी हैं। सौर ऊर्जा से संचालित जल योजना प्यास बुझा रहे हैं। 


ललिता, गोंड़पारा 



प्राईवेट बोर कराया हूँ ,शिकायत करूँगा 

सँयुक्त परिवार  वाले हैं दो दो कनेक्शन दिए ,साल बीत गया  आज तक पानी नहीं पहुँचा। मजबूरन प्राइवेट बोर करवाया हूँ। अधिकारी आज कल शुरू होगा कहके झूठा अश्वासन देते रहे,सीएम से सबकी शिकायत करूँगा। 


बूंद लाल चौधरी ,बस्ती उरांवपारा


टँकी से पानी बहते देखते हैं दुख लगता है


टँकी में लीकेज है पानी बहते देखते हैं दुख लगता है ,लेकिन क्या करें। मजबूरन अब यहाँ लकड़ी रख रहे। सीएम आएंगे  तो जरूर शिकायत करेंगे। 


अमृता पैकरा 


जब पानी देना नहीं था तो लगाए क्यों

जब पानी ही नहीं देना था तो कनेक्शन लगाए क्यों। बनाना ही नहीं था।  साल भर से इंतजार कर रहे एक बूंद पानी नहीं मिला।पता नहीं था सीएम आ सकते हैं। आएंगे आसपास तो भी शिकायत करूँगा। 


सोहर लाल किंडो , बस्ती उरांवपारा



वर्जन :- 

वोल्टेज प्रॉब्लम्स की वजह से दिक्कतें आई,व्यवस्था दुरुस्त कर रहे,

बिजली समस्या की वजह से योजना के पूर्ण होने में  कुछ विलंब हुआ। लो वोल्टेज मि वजह से दिक्कतें आ रही थी ,हाल ही में कल कुछ मोहल्ले में टेस्टिंग किए हैं। जहाँ काम शेष रह गए हैं,9 माह तक ठेकेदार अपने आधिपत्य में संचालन कर उसे पूरा करेगा उसके बाद भी पँचायत को हस्तांतरित किया जाएगा।ओवरहेड टँकी लीकेज नहीं है ,यह टेस्टिंग के दौरान की स्वाभाविक प्रक्रिया है। 

हर्ष कवीर ,एसडीओ कटघोरा सब डिवीजन ,पीएचई।










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