कोरबा (IBN-24NEWS) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों की महत्ता कायम रखने, खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने तथा लोगों में खेल के प्रति जागरूकता लाने के लिए कोरबा जिले में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत हो गई है।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक आयोजन से ग्रामीण अंचलों का खेल अब गांवों से निकलकर शहरों तक पहुंचेगा। खेलों में भाग लेने के लिए गांव के बच्चों से लेकर बड़ों में उत्साह नजर आया। जिले के गांव-गांव में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से पारंपरिक खेल गिल्ली डंडा, दौड़, पिट्ठूल, रस्साकसी, फुगड़ी भौंरा खो-खो सहित अन्य खेलों का आयोजन किया गया है।
6 अक्टूबर से शुरू हुए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 6 जनवरी 2023 तक चलेगा। इस दौरान दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्परिक खेल गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़, बांटी, बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा खेल का आयोजन होगा।
जोन बांकी मोगरा अंतर्गत राजीव युवा मितान क्लब स्तरीय प्रतियोगिता का शुरूआत किया गया। जिसमें:–
वार्ड क्रमांक 63 मोगरा,
वार्ड क्रमांक 64 घुड़डेवा,
वार्ड क्रमांक 65 बांकी क्र° 01,
वार्ड क्रमांक 66 बांकी क्र° 02, वार्ड क्रमांक 67 गजरा
के वार्डो के युवाओं बच्चों महिलाओं सहित बुजुर्गो ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति व सभ्यता की विशिष्ट पहचान यहां के वासियों की परंपराओं और रीति रीवाजों से है। जिनमें पारंपरिक खेलों का विशेष महत्व है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन से खेलों को चिरस्थायी रखने एवं आने वाली पीढ़ी को इन खेलों की महता याद दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगी।
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