कीमतों में उछाल, प्रशासन को चकमा दे रहे थोक व्यापारी….।



कोरबा/चैतमा(IBN-24NEWS) कोरोना का संक्रमण नए वेरिएंट के साथ शुरू होने के साथ ही कालाबाजारियों ने भी अपनी दुकानदारी शुरू कर दी है। कहने को तो जिला प्रशासन ने जमाखोरों और कालाबाजारियों को सख्त चेतावनी दे दी है लेकिन यह चेतावनी जारी होने से पहले ही अनुभवी थोक व्यापारियों ने माल की शॉर्टेज बताने के साथ-साथ कीमतों में इजाफा कर दिया है। इसका सीधा असर फुटकर विक्रेताओं से लेकर मध्यम व गरीब वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ने भी लगा है, पिछले लाकडाउन में इन थोक व्यापारियों की तरफ प्रशासन ने झांका तक नहीं था,सिर्फ छोटे व्यापारी परेशान हुए थे, पिछले दफे के लॉक डाउन में सब्जी फल और राशन सामानों की भरपूर कालाबाजारी हुई थी बाजार से मिली जानकारी के अनुसार इस बार लाकडाउन से पहले ही राहल दाल की कीमत प्रति किलो 3 रुपए बढ़ गई है, रिफाइन तेल में 7 रुपए का इजाफा हुआ है। थोक में जो तेल 123 रुपए प्रति लीटर में खरीदकर बेचा जा रहा था वह अब 130 रुपए कर दिया गया है जो बाजार में 135 से 140रुपए में बिक रहा है, इसी तरह आटा की कीमत 10 रुपए प्रति 5 किलो बढ़ा दी गई है.बताया जा रहा है की आगे खाद्य समानो की भी भारी बढ़ोतरी की अनुमान लगाया जा रहा है,इसी तरह गुटखा, और अन्य पान मसाला सहित आम दिनचर्या में शामिल तम्बाकू के उत्पाद सामानों की कीमत देखते ही देखते बढ़ा दी गई है, 5 रुपये में मिलने वाला राजश्री गुटखा का पाउच 7 रुपये कर दिया गया है और 20 रुपये में 3 पाउच बेचा जा रहा है,सिगरेट की कीमतों में प्रति पैकेट 10 से 15 रुपये की वृद्धि कर दी गई है, गुड़ाखू का चलन छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित कोरबा जिला में भी बहुतायत है, अधिकांश लोग इसे मंजन के रूप में दिन भर में कई बार उपयोग करते हैं,इस गुड़ाखू के पैकेट में प्रति पैकेट 100 से 300रुपये सीधे-सीधे बढ़ा दिया गया है, जिससे गुडाखु के दाम भी बढ़ गया है बताया जा रहा है कि खरसिया का गुड़ाखू सप्लाई काफी दिनों से बंद है और सिर्फ बिलासपुर का गुड़ाखू बाजार में खप रहा है, बड़े थोक पान मसाला, गुटखा, गुड़ाखू तम्बाकू के व्यापारियों ने कीमत बढ़ाकर अपना फायदा फिक्स कर लिया है,अब परेशानी उन दुकानदारों की है जो थोक विक्रेता से बड़े दर पर सामान खरीदने और बाजार में अल्प लाभ में बेचने के लिए मजबूर हैं, छोटे-छोटे दुकानदार अपनी ग्राहकी बचाने के चक्कर में भले ही लाभ नहीं कमा रहे हों या कम लाभ कमा रहे हों लेकिन थोक व्यापारी को कोरोना संक्रमण की आड़ में शुद्ध मुनाफा देने के लिए भी विवश हैं,एक बार फिर वही दौर शुरू हो गया है करोना संक्रमण की आड़ में और माल सार्टेज का बहाना बनाकर बड़े व्यापारियों द्वारा अनाप-शनाप कीमतों में सामान बेचा जा रहा है, आगे प्रशासनिक कसावट नहीं लाने पर खाद्य सामानों दाम और बढ़ने की संभावना है जिससे गरीब और मध्य वर्ग परेशान होंगे।

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