संवाददाता- सागर बत्रा की रिपोर्ट
रायपुर (IBN-24NEWS) रायपुर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को भेजे गए एक पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक विज्ञापन अभियान पर कड़ी आपत्ति और नाराजगी जताई है जिसमें लोगों से कोविड से सुरक्षा के लिए ऑनलाइन खरीदारी करने का आग्रह किया गया है कैट ने इस विज्ञापन पर अपना कड़ा विरोध दर्ज करते हुए मंडाविया से उक्त विज्ञापन को तुरंत वापस लेने और इसके प्रचार को निलंबित करने की मांग की है कैट ने कहा है की उक्त विज्ञापन अभियान सीधे तौर पर देश के 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों पर आघात करने वाला है और उन के खिलाफ है जबकि छोटे व्यापारी राष्ट्र की आवश्यकता के समय पर महत्वपूर्ण सेवाएं देने से कभी पीछे नहीं हटते हैं स्वास्थ्य मंत्रालय का यह विज्ञापन अभियान सीधे तौर पर भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकार का उल्लंघन हैं जो किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकता है जबकि मंत्रालय का यह अभियान ऑनलाइन एवं ऑफलाइन व्यापारियों में भेदभाव करता है।
मंत्रालय के प्रासंगिक ट्वीट
https://twitter.com/mohfw_india/status/1450635158671925257?s=21 का उल्लेख करते हुए कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने मंडाविया को भेजे पत्र में कहा कि भारत का वर्तमान ऑनलाइन व्यवसाय विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अस्वस्थ व्यापारिक नीतियों द्वारा अत्यधिक दूषित किया है तथा इन कंपनियों ने देश के कानूनों और नियमों की अवहेलना करने और अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है स्वास्थ्य मंत्रालय का उक्त अभियान विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की क़ानून एवं नियमों का पालन न करने का एक तरह से समर्थन करता है जिसके द्वारा वे लगातार नियमों की अवहेलना करते हुए व्यापार में और अधिक मजबूत होंगे वे न केवल व्यापारियों को बल्कि अंतिम उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचा सकें जिन अधिकारीयों ने भी इस अभियान की रूपरेखा बनाई हैं उन्होंने इन ज्वलंत मुद्दों को नजर अंदाज किया गया है जिससे स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम देश के व्यापारियों के लिए अत्यधिक अपमानजनक है यह एक तरीके से ऑफ़लाइन व्यापार समुदाय के लिए बहुत विनाशकारी साबित होगा और देश के खुदरा विक्रेताओं को हतोत्साहित कर उनके व्यापार पर सीढ़ी चोट पहुंचाएगा पिछले साल और इस साल दोनों समय में कोविड के वक्त सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहने वाले ऑफलाइन व्यापारियों की इस अभियान के द्वारा घोर उपेक्षा की गई है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा कि ऐसे समय में जब ई-कॉमर्स व्यवसाय के बारे में बहुत विवाद चल रहा है और सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने खुद मुख्य वैश्विक ई-टेलर्स की व्यापार रणनीति के बारे में कड़ी टिप्पणी की है जिनके पास भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय का सबसे बड़ा हिस्सा है तथा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अनेक मजबूत वक्तव्य दिए हैं जिसमे कानूनों और नियमों के अनिवार्य अनुपालन के बारे में प्रमुख ई-टेलर्स को चेताया गया है जो ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित कर रहे हैं को भी दरकिनार करफ़्ते हुए ऐसा विज्ञापन अभियान शुरू करना स्वास्थ्य मंत्रालय का एक अवांछित और अत्यधिक भेदभावपूर्ण अभियान है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में ऑफ़लाइन व्यापारियों के योगदान को खारिज करता है तथा जिन्हें स्वयं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता रहा है।
0 Comments