कोरबा/चाकाबुड़ा(IBN-24NEWS) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में कोविड-19 महामारी के नियमों का पालन करते हुए ग्राम सभा आयोजन किया गया।ग्राम सभा में निम्न बिंदुओं का एजेंडा तैयार किया गया। सरपंच पवन सिंह कमरो ने बताया कि ग्राम सभाओं में सुपोषण, स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता के लिए शपथ दिलाई गयी।प्लास्टिक कचरा मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करने के लिए स्वच्छता अभियान को आगे बढाने के लिए प्रेरित किया। उपसरपंच जितेंद्र जोशी न अपने वक्तव्य में कहा कि श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के वाराणसी मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी माँ अपने तीनों बच्चों के साथ अपने पिता के घर जाकर बस गईं।उस छोटे-से शहर में लाल बहादुर की स्कूली शिक्षा कुछ खास नहीं रही लेकिन गरीबी की मार पड़ने के बावजूद उनका बचपन पर्याप्त रूप से खुशहाल बीता।उन्हें वाराणसी में चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया था ताकि वे उच्च विद्यालय की शिक्षा प्राप्त कर सकें। घर पर सब उन्हें नन्हे के नाम से पुकारते थे। वे कई मील की दूरी नंगे पांव से ही तय कर विद्यालय जाते थे, यहाँ तक की भीषण गर्मी में जब सड़कें अत्यधिक गर्म हुआ करती थीं तब भी उन्हें ऐसे ही जाना पड़ता था।लाल बहादुर शास्त्री विदेशी दासता से आजादी के लिए देश के संघर्ष में अधिक रुचि रखने लगे थे। वे भारत में ब्रिटिश शासन का समर्थन कर रहे भारतीय राजाओं की महात्मा गांधी द्वारा की गई निंदा से अत्यंत प्रभावित हुए। लाल बहादुर शास्त्री जब केवल ग्यारह वर्ष के थे तब से ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बना लिया था।ईस अवसर पर गांव के मितानिन जानकुंवर,सुनीता,महेशी,जमुना,रतिराम,त्रिभुवन सिदार,गोरे लाल,राजकुमार अगरिया,फिरोज खान,सागर पटेल,भारत सहित गांव के महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे।
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