सातगढ़ कंवर समाज का तालिबानी फरमान..।

 दूसरे जिला से शादी करने पर समाज से बहिष्कार ।

जिला पंचायत अध्यक्ष के पति छत्रपाल सिंग कंवर की भूमिका मुख्य।

रामपुर सरपंच एवं इकाई चक घरीपखना अध्यक्ष पुराण सिंह कंवर के द्वारा बैठक में लिया गया प्रस्ताव।





कोरबा/कटघोरा(IBN-24NEWS) हम भारत देश के धर्मनिरपेक्ष समाज की कल्पना करते हैं और उसे साकार करने के लिए भरसक प्रयास करते हैं किंतु कुछ समाज की गतिविधियां इतनी नगन्य होती है कि उनके प्रस्ताव को देख कर और सोच कर आश्चर्य होता है कि कहीं हम तालिबान के इशारे पर तो नहीं चल रहे है जी हां यहां कटघोरा से लगा हुआ गांव महेशपुर का एक वाक्या बताते हैं जहां के सतगढ़ कंवर समाज के द्वारा रवि सिंह कवर पिता संतलाल कवर के द्वारा अपने समान पढ़ी-लिखी सजातीय युवती से शादी किया और शादी जसपुर के इलाके में संपन्न हुई जिसमें महेशपुर के कंवर समाज के सजातीय रिश्तेदारों ने मुख्य भूमिका निभाई जिसका विरोध सतगढ़ कंवर समाज के अध्यक्ष व इकाई अध्यक्ष पुराण सिंह कंवर ने किया उनके सामाजिक दृष्टिकोण से कंवर समाज के लोगों को क्षेत्रीयता का लाभ लेते हुए क्षेत्र विशेष में ही शादी करने की अनुमति मिली है वे स्वयं जनप्रतिनिधि होते हुए तालिबानी फरमान जारी कर रहे हैं जिसमें तालिबान के तरह जिस प्रकार महिलाओं को बुर्के में पहनने की नियम बनी है उसी तरह महेशपुर में भी सर्वसम्मति से कंवर समाज के युवाओं को अपने ही आसपास के सात गणों में शादी करने की अनुमति है यहां छत्रपाल सिंह कंवर जिला पंचायत कोरबा के सदस्य हैं और उनके इशारे तथा दिशा निर्देश पर ही समाज प्रमुखों ने रवि सिंह कंवर और उनके साथ शादी में शामिल होने वाले लोगों को तालिबानी फरमान जारी करते हुए समाज से बहिष्कृत कर दिया है और उन्हें समाज और गांव से अलग करते हुए उनके यहां किसी भी प्रकार का मेलजोल बढ़ाने कि अब मनाही है यहां बताना चाहेंगे कि रवि सिंह कंवर एक शासकीय अधिकारी है और पसंद के कारण उन्हें जसपुर की पढ़ी-लिखी युवती से शादी करना पड़ा तालिबानी फरमान को मानते हुए कंवर समाज के प्रमुखों ने दिनांक 29/06/2021            को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा है कि कोई भी व्यक्ति जाति धर्म और क्षेत्रीयता का भेदभाव नहीं करेगा तथा जनप्रतिनिधि यहां इस संविधान के विपरीत कार्य ना केवल संविधान विरोधी कार्य कर रहे हैं बल्कि क्षेत्र में क्षेत्रीयतावाद को भी बढ़ावा दे रहे हैं ऐसे जनप्रतिनिधि जो कानून व समाज में अंतर नहीं जानते और अपने ही जाति धर्म के लोगों को वोट बैंक के नीचे रखकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं उन्हें समाज के प्रमुख पर रहने की इजाजत भी नहीं होनी चाहिए इससे पूर्व डॉ शिवपाल सिंह कंवर के परिवार में भी अन्य जिलों से शादी करने के कारण उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था यहां समानता का अधिकार भारतीय मानवाधिकार के नियमों का उल्लंघन होता स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है महेशपुर की एक महिला ग्रामीण अहिल्या बाई ने बताया कि उनके द्वारा अपने ही रिश्तेदार के घर दस्गत्र में शामिल होकर रस्म को पूरा करने की कोशिश की गई तो उन्हें बेइज्जत करते हुए बेदखल कर दिया गया जिसके कारण वो दो दिन तक खाना नहीं खा पाए और काफी अपमानित महसूस की महिलाओं को कंवर समाज काफी आगे ले जाना चाहता है दूसरी तरफ कंवर समाज के युवाओं और युवतियों को अन्य जिलों राज्यों और देश विदेश में पढ़ने की इजाजत है किंतु शादी के मामलों में यह छूट नहीं देते हुए उन्हें क्षेत्र विशेष में ही शादी करने की इजाजत है जो कि स्पष्ट रूप से समाज की संकीर्ण भावनाओं को दर्शाता है बहरहाल समाज प्रमुख में पुराण सिंह कंवर अध्यक्ष एवं इकाई चक समार सिंह कंवर सचिव रणजीत सिंह कंवर एवं संत गढ़ कंवर समाज के केंद्रीय उपाध्यक्ष बद्री विशाल सिह कंवर तथा केंद्रीय अध्यक्ष छत्रपाल सिंह कंवर द्वारा हस्ताक्षर कर 14 लोगों का नाम बहिष्कार की श्रेणी में रखा है इनमें केंद्रीय अध्यक्ष छत्रपाल के निर्देश के तहत किया गया है किंतु हस्ताक्षर केवल 4 समाज प्रमुखों का ही है अन्य के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन से रवि सिंह व उनके शादी में शामिल होने वाले लोगों को समाज से बहिष्कार करने की प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया है देखना होगा कि जिला कलेक्टर रानू साहू इस मामले में जांच टीम भेजकर क्या निर्णय लेती है।

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