पाली आरईएस का भृत्य कर रहा था कार्यालय से निर्माण कार्यों की फाइलें गायब, अधिकारी- कर्मचारी सकते में.....।




कोरबा/पाली(IBN-24NEWS) वैसे तो वर्षों से अंगद के पांव की तरह जमे एसडीओ व पंचायतों में होने वाले घटिया निर्माण कार्यों का बिना निरीक्षण के सत्यापन (सीसी जारी) कर देने के मामले को लेकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग पाली का कार्यालय क्षेत्र में चर्चित है लेकिन इस कार्यालय से निर्माण कार्यों की फाइलें एकाएक कर गायब होने के मामले में यहां पदस्थ भृत्य का कृत्य सामने आने के बाद अधिकारी- कर्मचारी सकते में है। हालाकि इस कृत्य के लिए भृत्य को जमकर लताड़ फटकार लगाया गया है लेकिन सवाल यह उठता है कि भृत्य द्वारा उक्त फाइलें आखिर क्यों गायब किया जा रहा था।


ज्ञात हो कि पाली मुख्यालय में आरईएस का उप संभाग कार्यालय स्थित है, जहां पंचायतों में होने वाले नाली, सीसी रोड, पुल- पुलिया, भवन निर्माण के कार्यों की गुणवत्ता का देखरेख के साथ उन कार्यों के आधार पर उप अभियंता द्वारा मूल्यांकन एवं कार्य पूर्ण होने पश्चात अनुविभागीय अधिकारी द्वारा गुणवत्ता प्रमाणिकता (सीसी) जारी किया जाता है। बता दें कि पूर्व में भी निर्माण संबंधी लगभग दो दर्जन सत्यापन फाइलें इस कार्यालय से गायब होने की बात सामने आयी थी जिसका मांग जिला पंचायत सीईओ द्वारा किये जाने पर उन फाइलों के नही मिलने से एसडीओ सहित अधीनस्थ उप अभियंताओं व कर्मचारियों के हाथ- पांव फुले हुए थे। जहां इस लापरवाही को लेकर जिला सीईओ काफी भड़के हुए थे। तब स्थानीय सूत्रों ने सत्यापन फाइलें नही मिलने का कारण बिना सत्यापन हुए निर्माण कार्यों का भुगतान किया जाना को बताया था। ऐसे में जब सत्यापन कार्य ही नही किया गया था तब आखिर फाइलें कहां से मिलती। वहीं बीते कुछ सप्ताह पूर्व से इस कार्यालय से निर्माण कार्यों संबंधी अनेक फाइलें पुनः गायब होने लगी थी जिसे लेकर अधिकारी- कर्मचारियों में हड़कम मचा हुआ था कि आखिर निर्माण कार्यों की फाइलें कार्यालय से कैसे और कहां गायब हो रही है और तब यहां लगे सीसी टीवी फुटेज खंगाला गया जिसे खंगालने पर यह बात सामने आयी कि निर्माण संबंधित कार्यों की फाइलें कोई और नही बल्कि कार्यालय का भृत्य ही गायब कर रहा है जो अधिकारी- कमर्चारियों के अनुपस्थिति में चुपके से फाइलें निकालकर अपने साथ ले जाता था। भृत्य का उक्त कृत्य सामने आने के बाद हालांकि कर्मचारियों द्वारा उसे जमकर लताड़ व फटकार तो लगाया गया है लेकिन यहां पर सवाल यह उठता है कि आखिर किस मकसद से निर्माण संबंधी फाइलें कार्यालय से निकालकर भृत्य अपने साथ ले जा रहा था..? सूत्रों के अनुसार यहां पदस्थ अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के प्रति निष्क्रियता के कारण अनेक निर्माण कार्यों के दर्जनों सत्यापन फाइलें इस कार्यालय में उपलब्ध नही है। यदि विगत 2010 से लेकर 10 वर्ष अवधि तक के पंचायतों में कराए गए सभी निर्माण कार्यों की सत्यापन फाइलें जांची जाए तो चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा हो सकता है।

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