कोरबा/पाली(IBN24NEWS) / जिले के अंतर्गत एक ऐसा पंचायत जहां के सरपंच- सचिव व उपसरपंच के मिलीभगत से किये गए कारनामे को देख, सुन स्थानीय ग्रामीण भी दंग रह गए क्योंकि जिन निर्माण कार्यों को धरातल पर कराना था उसे कागजों में कराकर हजारों नही बल्कि लाखों हजम कर गए वह भी सवा 09 लाख..! जिसकी जानकारी ग्रामीणों को होने पर वे भी अपने दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए।ग्रामीणों द्वारा जिसकी शिकायत कलेक्टर व जिला सीईओ से करते हुए भ्रष्ट्राचारियों पर अविलंब कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है।
यह मामला पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत बसीबार का है जहां वर्तमान में कृपालसिंह कंवर सरपंच निर्वाचित है, वही सचिव होरी सिंह के हाथों यहां पंचायत कामकाज की जिम्मेदारी है जहां सरपंच- सचिव और उपसरपंच नरेंद्र कुमार यादव द्वारा आपस मे मिलीभगत कर 14वे वित्त एवं मूलभूत मद की राशि से इतने शानदार तरीके से लाखों के काम करा दिए है जो धरातल पर यहां की जनता के साथ किसी को भी नजर ही नहीं आ रहे हैं।यह बात अलग है कि सरपंच- सचिव और उपसरपंच ने मिलकर जमीन पर ना दिख पाने जैसे अजूबे वाले कौन से कार्य कहां पर और कब कराए, इसे तो सिर्फ वे ही बता सकते है क्योंकि शायद उनके हाथों अलादीन का चिराग जो लग गया होगा।तभी तो इनके अलावा अन्य किसी दूसरे को नही दिखने वाले कांजीहाउस आंगन में 50 हजार से कांक्रीटिंग, हरीश घर से नरेश घर तक 1 लाख की सीसी रोड, सोनबरसा तालाब में 25 हजार से पचरी निर्माण, बंधिया तालाब में 50 हजार का पचरी निर्माण, रायसिंह घर से विनोद घर तक डेढ़ लाख से नाली निर्माण, नारायण घर से जयप्रकाश घर तक 50 हजार में सीसी रोड एवं संतराम घर से इंद्रभवन घर तक 5 लाख का सीसी रोड जैसे निर्माण कार्यों के नाम पर 09 लाख 25 हजार की राशि खर्च किया जाना कागजों में दर्शाया गया है।जिसे जानकर यहां की जनता भी हैरान है और यह सोचने पर विवश भी है कि पंचायत ने जो काम कराए है आखिर वे उन्हें दिखाई क्यों नही दे रहे है।सरपंच- सचिव और उपसरपंच द्वारा मिलीभगत कर जिस तरीके से पंचायत खाते में आए शासकीय धन का जमकर दुरुपयोग करते हुए बंदरबांट किया गया है उसकी लिखितमय शिकायत आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ से बीते 22 मार्च को किया गया है तथा अविलंब जांच कराकर कार्यवाही की मांग की गई है, जिसमे पंच हेमंत कुमार सहित ग्रामीण राजेश्वर सिंह, लगन दास, परमार सिंह, रायसिंह, भुवन सिंह के अलावा अन्य ग्रामीण शामिल है।फिलहाल सवा 09 लाख की राशि से ना दिखने वाले चमत्कारित काम कराने की शिकायत पर क्या कार्यवाही की जाती है यह देखने वाली बात है।
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