भाजयुमो प्रदेश मंत्री राजेश यादव ने जिला शिक्षा अधिकारी के ड्रेस खरीदने के आदेश की निंदा किया





कोरोना सन्कट काल मे यह कैसा फरमान


कोरबा(IBN24NEWS) /भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री राजेश यादव ने कोरबा जिला के शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेशित ड्रेस कोड का निंदा किया है।

          ज्ञात हो कि कोरबा जिला के जिला शिक्षा अधिकारी श्री  सतीश पांडे द्वारा सभी स्कूलो के प्राचार्य को ड्रेस कोट के लिए तीन प्रकार का ड्रेस कोड जारी किया है जिससे प्रचार्यगण असमंजस में हैं यहां यह बताना लाजिमी होगा कि जितने भी सरकारी स्कूल है उसमें गरीब बच्चे ही अधिकांशतः अध्ययनरत हैं। वर्तमान में सभी गरीब पालक सालभर से कोरोना के मार को झेल रहे हैं किंतु  जिला शिक्षा अधिकारी का यह आदेश कमीशन खोरी   का संकेत दे रहा है जिला शिक्षा अधिकारी को ड्रेस को महत्व देने के बजाय शिक्षा के गुणवत्ता को महत्व देना चाहिये। इस फरमान को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लिखित में नहीं बल्कि वेबीनार से सभी शिक्षकों को जानकारी दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी के इस आदेश से प्राचार्यगढ़ भयभीत है।अपरिहार्य संकटों से शासकीय स्कूलो को कैसे चला रहे हैं। यह प्राचार्य को ही पता है बहुत सारे  समस्याओं को स्वयं प्राचार्य अपने स्तर पर निपटाते हैं।जनभागीदारी समिति/सांसद/विधायक व जनप्रतिनिधियों  को कोई मतलब नही रहता है।

        ड्रेस खरीदने का भार पालकों के जेब से ही जायेगा। जिला शिक्षा कार्यालय से प्राचार्यों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है जो निंदनीय है।तीन प्रकार का ड्रेस कोड जारी कर जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा गरीबों के जेब मे डाक़ा डालने का तैयारी  तो नही चल रहा है। इस बाबत   प्रदेश  के नेता व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला प्रमुख रहे श्री यादव ने आंदोलन की चेतावनी दी है।किसी भी हालत में हम जिला शिक्षा अधिकारी के ड्रेस कोड की मंशा को हम पूरा होने नही देंगे।पूर्व में निर्धारित ड्रेस में क्या कमी है।श्री यादव ने कहा क्या ड्रेस बदलने से शिक्षा के स्तर में सुधार हो जायेगा।मुझे तो इनके इस आदेश पर भ्रष्टाचार का बु आ रहा है।वर्तमान में कोरोना पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रहा है कभी भी फिर लॉक डाउन  लग सकता है।केवल 10वीं व 12 वीं  का बोर्ड़ परीक्षाएं इस वर्ष संचालित होगी।बांकी की कक्षाएं को जनरल प्रमोशन किया गया है।ड्रेस के लिए एक हजार, आठ सौ, व छः सौ निर्धारित किया गया है।उक्त राशि को एकमुश्त जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करना होगा अभी स्कूल बंद है तो कौन विद्यार्थी लाकर रुपये देगा।




ड्रेस खरीदने वाली बात काल्पनिक है।

          सतीश पाण्डेय जिलाशिक्षा अधिकारी कोरबा

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