कटघोरा/पाली (IBN24NEWS) वन मण्डल कटघोरा के अंतर्गत पाली रेंज के बतरा सर्किल में गुजरे जून-जुलाई 2020 में नदियापार मोहल्ला से कुमहीपानी मार्ग पर 25 लाख की मंजूरी से तकरीबन तीन किलोमीटर डब्ल्यूबीएम पहुँच मार्ग का काम कराया गया जिसमे शासकीय तय मानक के विपरीत नदी नालों से गिट्टी चुनकर उपयोग में लाते हुए एवं 8 से 10 ट्रेक्टर्स मिट्टी मुरुम डालकर तीन किलोमीटर पहुँचमार्ग का निर्माण पूरा करा लिया गया। कटघोरा वन मण्डल से मंजूर लाखों के जिस डब्ल्यूबीएम पहुँच मार्ग के औपचारिक पूर्ण काम को देखकर किसी भी तरीके में नही लगता कि निर्माण कराने वाले अधिकारी ने इस 25 लाख के काम को कराने मे 25 प्रतिशत भी ईमानदारी बरती होगी जिसके वजह से थूक पालिस स्वरूप बनाए गए पहुँचमार्ग पर सायकल चलाना तो दूर पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है!
और इसमें चलने वाले गांव की जनता भी इस मार्ग बनाने वाले को रातदिन कोस रहे है और कोसे भी क्यों न...क्योंकि बनाने वाले ने ऐसा कच्चा सड़क जो बनाया है कि उसमें चलने वाले के पांव की चप्पल भी तीन किलोमीटर के इस डब्ल्यूबीएम का फासला तय करने से पहले ही टूट जाए। अब आपको यहां पर यह भी बताते चलें कि इस पहुँच मार्ग का निर्माण पाली में पूर्व रहे रेंजर तथा अभी के समय मे कटघोरा में पदस्थ एसडीओ प्रह्लाद यादव ने कराया था जिन्होंने पाली के ही निवासी अपने एक चेहेते ठेकेदार को काम का जिम्मा दिया था जिसमे खूब धन बटोरने की नीयत से मिलीभगत के तहत कार्य की गुणवत्ता को हाशिये पर रख घटिया से भी ज्यादा घटिया काम कराया गया। यहां के निवासी ग्रामीणों के अनुसार पहले नदियापार से कुमहीपानी तक पहुँचमार्ग काफी बेहतर और आवागमन भी सुचारू रूप से था परंतु डब्ल्यूबीएम के तहत कार्य होने के बाद इस मार्ग पर पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है किंतु मजबूरी है कि निर्माण के बाद पगडंडी से भी उबड़ खाबड़ हो चले पहुँच मार्ग को बिना नापे एक से दूसरे मोहल्ले में नही पहुँच सकते। एसडीओ प्रह्लाद यादव रेंजर रहने के दौरान अपने स्वार्थ सिद्धि के कारण काफी चर्चित व सुर्खियों में रहे और विभिन्न विभागीय निर्माण कार्यो में आंख मूंदकर भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया और चंद माह बाद वे निर्माण कार्य अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे है। एसडीओ प्रह्लाद यादव के रेंजर रहते समय कराए उन समस्त कार्यों की सूक्ष्म जांच यदि हो तो यकीनन चौकाने वाले रिपोर्ट के साथ लाखों नही बल्कि करोड़ो का भ्रष्ट्राचार उजागर होगा किंतु दुर्भाग्य है कि भ्रष्ट्राचारी पर कार्रवाई नही होने से हौसले बुलन्द है।
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