ग्रामीणों का आरोप है कि- निर्माण में गुणवत्ताहीन मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है... निर्माणाधीन पुल में गुणवत्ताहीन मटेरियल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। निर्माणाधीन पुल में स्थानीय मिट्टीयुक्त रेत और स्थानीय नदी से निकाले गए घटिया पत्थर का उपयोग किया जा रहा है।..
ठेकेदार की मनमानी, कराया जा रहा गुणवत्ताहीन पुल निर्माण कार्य
वही ठेकेदार द्वारा कार्य गुणवत्ता हीन होने से ग्राम की जनता में चिंता भय बना हुआ है कि जब पानी की मार पड़ती है तो पुल कमजोर होने से ठह सकता है पर ठेकेदार आपनी मनमानी कर शासन को भी चूना लगा रहे है वहां पर जो डिजाइन कोई बोर्ड लगाया जाना चाहिए वह भी वहां नहीं लगाया गया और ना ही ड्राइंग जिससे लोगों को और वहां कर रहे मजदूरों को इस कार्य के बारे में जानकारी हो पर वहां पर कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया।
रेत की जगह डस्ट का किया जा रहा उपयोग
वहां जो मैटेरियल लगाया जा रहा है वह भी रेत की जगह डस्ट का उपयोग किया जा रहा है जो सीमेंट की मात्रा होना चाहिए वह भी नहीं है वह घटिया किस्म का निर्माण किया जा रहा है. वहां के लोगों ने बताया कि जो निर्माण चल रहा है उसमें ना तो लोहा डाला गया और डस्ट माटी वाली से ही पुल का निर्माण किया वहां पर ना तो इंजीनियर साहेब कभी-कभार पहुंचते हैं और वहां पर कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति की देखरेख में कार्य नहीं किया जा रहा है।
अपने हिसाब से मजदूर कर रहे कार्य
पूल निर्माण स्थान पर मजदूर अपने हिसाब से कार्य करते है..मजदूरों ने ही बताया कि मौके पर इंजीनियर कभी कभी आते है..वही जब इस संबंध में गांव वालों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया जो निर्माण कार्य कराया जा रहा है उससे हम ग्राम वासी संतुष्ट नहीं है...
अवैध मुरुम का उत्खनन
वही जब प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पसान खोड़री रोड व कुम्हारी रोड के निर्माण में अवैध मुरुम का जमकर उपयोग किया गया है....जंगल मे मुरुम का उत्खनन करके पर्यावरण को जमकर नुकसान व शासन को लाखों रुपये की क्षति पहुँचाई गई है..
क्या जनता का पैसा शासन द्वारा इसी तरीके से पानी में बहाया जाएगा जो निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे हैं उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने से कुछ ही समय चल पाएंगे पर इस तरफ शासन ध्यान ना देकर लगातार भष्ट ठेकेदारों को कार्य सौंपा जा रहा है।
आला अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा कार्य
इससे यह लगता है कि इसमें आला अधिकारियों की मिलीभगत से ही इस प्रकार के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है...
आला अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं अब देखना यह है की जो निर्माण कार्य पर शासन की आला अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं...या अपनी जेब गर्म करते है....
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