कोरबा/पाली:- जिले के पाली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत जेमरा के सरपंच राजकुमार जगत के खिलाफ इस पंचायत के उपसरपंच सहित 10 पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लेकर बीते 22 फरवरी को पाली एसडीएम अरुण खलखो को पत्र सौंपा है।बता दें कि यहां के 10 महिला- पुरुष पंचों ने सरपंच व सचिव के भ्रष्ट्र कार्यों को लेकर पूर्व से ही मोर्चा खोल रखा है जहां मूलभूत एवं 14वे वित्त की राशि गबन के मामले में कार्यवाही किये जाने को लेकर दो माह पूर्व भी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया गया था जिसे संज्ञान में लेते हुए जिला पंचायत सीईओ द्वारा पंचों के आरोपों की जांच कराई गई थी जिसमे मूलभूत व 14वे वित्त के लाखों की राशि का सरपंच राजकुमार व सचिव निर्मलदास मानिकपुरी द्वारा मिलकर गबन की बात सामने आई थी जिसमे सचिव को निलंबित किया गया एवं सरपंच से वित्तीय अधिकार छीन लिया गया है तथा दोनों से गबन किये गए राशि वसूली की प्रकिया वर्तमान में लंबित है।यहां के सरपंच के रवैये को लेकर आंदोलनकारी पंच अभी भी आक्रोशित है।और उन्हें पद से हटाने की योजना बनाकर पाली एसडीएम को 4 बिंदु में जो पत्र सौंपा गया है उसमें उल्लेख किया गया है कि सरपंच द्वारा निर्वाचन पश्चात ग्राम पंचायत का संचालन मनमाने ढंग से किया जाना एवं किसी भी पंच को पंचायत बैठक में नही बुलाना, सरपंच द्वारा सचिव के साथ मिलकर 14वे वित्त एवं मूलभूत की राशि का फर्जी प्रस्ताव बनाकर बिना कोई कार्य किये आहरण किया जाना, सरपंच द्वारा अक्सर शराब के नशे में रहकर सभी पंचों से दुर्व्यवहार करते हुए मनमुताबित कार्य करना, पंचों एवं जरूरतमंद ग्रामीणों को सरपंच द्वारा शासकीय महत्त्वकांक्षि योजना की जानकारी नही देना जिसके कारण ग्राम की जनता शासन के लाभकारी योजनाओं से वंचित रहना मुख्य बिंदु है।सरपंच के खिलाफ लाये जा रहे अविश्वास प्रस्ताव पर जिन 10 पंचों ने मुहर लगाई है उसमें उपसरपंच भंवरसिंह, पंच श्रीमती मीनाबाई, उर्मिलाबाई, फगनीबाई, कुंवारिया बाई, चमेलीबाई, रामेश्वरी देवी, समरित लाल, कृष्ण कुमार, रामायण दास शामिल है।देखना है कि इस शह और मात में सरपंच अपने विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव से खुद को बचा पाने में सफल होता है या फिर भ्रष्ट्राचार के खिलाफ आंदोलनकारी पंचों की जीत होती है...?
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