मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को नही मिली मजदूरी रोजगार सहायक की कृपा से अन्य लोग खा गए मलाई

 रायगढ़-धरमजयगढ़

जिला संवददाता महेन्द्र सिदार



तालाब गहरी करण कार्य मे मेहनत कश मजदूर ग्रामीणो को नही मिली मजदूरी सरपंच के परिवार,रोजगार सहायक के परिवार को मजदूर बताकर पहुँचाया आर्थिक लाभ



धर्मजयगढ़ विकासखंड के अंतिम छोर में बसा ग्राम बंगरसुता एक ऐसा गांव जहाँ आम आदमी का पहुंचना काफी परेशानी भरा है, शायद इसी बात का फायदा उठा कर इस पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं शासकीय सेवको द्वारा भ्रष्टाचार को घर की खेती की तरह किया गया है,जंहा ग्रामीणों ने ग्राम के सरपंच लालन सिंह राठिया, रोजगर सहायक चुलेश्वरी राठिया व सचिव के द्वारा ग्राम में किये गए विकास कार्य साथ मनरेगा मजदूरी के कार्य के पैसों को हड़पने के संबंध में एसडीएम ऑफिस में ग्रामीणों द्वारा लिखित जांच करने व दोषी पाए जाने उचित कार्यवाही करने का ज्ञापन सौपे थे। किंतु इस भ्रष्टाचार के ऊपर आश्चर्यजनक पलीता यह कि ग्रामीणो की भ्रष्टाचार की शिकायत पर धरमजयगढ़ मुख्यालय में पदस्थ सक्षम अधिकारी प्रशिक्षु आईएएस(एसडीएम)एवं जनपद सीईओ के द्वारा अपनी जांच में ऐसे कारनामो में संलग्न लोगो को क्लिन चिट दिया जाना,क्या क्षेत्र के ग्रामीणो ने भ्रष्टाचार की शिकायत इसी उम्मीद से एसडीएम जैसे सक्षम अधिकारी से की थी,कि उनके गांव की तकलीफ को ये अधिकारी काले को सफेद सिद्ध कर दे,ग्रामीणो की उम्मीदों से भरे इस शिकायतों की सूची में एक शिकायत यह भी थी,जिसमे ग्रामीणों की शिकायत थी कि ग्राम में 2019-20 में तालाब गहरीकरण अमलीटिकरा  का कार्य आया था जिसमे ग्राम के सरपंच, रोजगार सहायक व सचिव द्वारा ग्रामीणों का फर्जी मस्टररोल अर्थात जो व्यक्ति कार्य नहीं किया है और जो कार्य किया है उसका मास्टर बिना भरे ही दूसरों के खाते में हाजरी चढ़ाकर पैसा गबन कर लिया गया है। जब मजदूरों को इसकी जानकारी मिली तो ग्रामीणों द्वारा शिकायत किये व मस्टररोल निकाले तो पता चला कि मस्टररोल फर्जी बनाया गया है । ग्रामीणों से चर्चा के दौरान दिलकंवर ने बताया कि मैं 19 दिन तालाब गहरीकरण में कार्य किया हूँ व मैंने कार्य के बाद रोजगार सहायक के पास जाकर रजिस्टर में इंट्री भी करवाया थ पर आज तक मेरा मजदूरी पैसा नही आया फिर जाकर मैने मस्टररोल में मेरा नाम ढूंढा पर नाम कहि नही दिखा रोजगार सहायक द्वारा मेरा नाम गायब कर दिया गया। फर्जी मस्टररोल में 1115 दिन कार्य लेकर 196240 रुपये आहरण सरपंच व सचिव द्वारा कर लिया गया है जिसे फ़र्जी हितग्राहियों के साथ ही कुल 122 लोगो का कुछ मजदूरों का फर्जी नाम मस्टररोल में भरा गया है। 



मजदूर दिलकुंवर में बताया कि  अमलिटिकरा तालाब गहरीकरण में मैं 19 दिन मनरेगा के तहत काम किया हूँ जिसका आजतक मुझे एक भी रुपये मेरे खाते में नही आया है। जब मैं एमआईएस रिपोर्ट में चेक किया तो मेरा नाम ही  नही था तालाब गहरीकरण काम मे रोजगार सचिव द्वारा मेरा हाजरी नही चढ़ाया गया।


मजदूर गौरीबाई से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि मैं सात दिन तालाब का काम करने गयी थी जिसका हाजरी कु. चुलेश्वरी राठिया रोजगार सचिव मेरे सामने चढ़ाई थी। बाकी मजदूरों का पैसा खाते में आया  मेरा नही आया जब मैं पता कि तो मेरा नाम ही मस्टररोल से गायब था। हम गरीब मजदूरों का मेहनत फालतू गया।


योगेन्द्र कुर्रे  नरेगा के उपयंत्री से जब हमने बंगरसुता मामले में वास्तविकता जननी चाही तो उन्होंने कँहा की कार्यालय में आकर जानकारी लीजिए। तब हमने उनसे कार्यालय पहुचकर फिर संपर्क किया तो उन्होंने मैं तीन दिन के लिए बाहर जा रहा हूँ अभी मैं आपसे नही मिल सकता कहकर जानकारी देने से बचने का प्रयास किया जबकि वो धर्मजयगढ़ में ही घूमते देखे गए।।ब

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