पटपरा के सरपंच- सचिव व रोजगार सहायक द्वारा मिलकर मनरेगा में किया जा रहा भारी भ्रष्ट्राचार, जागरूक साधना ने ग्रामीणों की ओर से की आवाज बुलंद, कलेक्टर व जिला सीईओ से शिकायत के बाद जांच के नाम पर महज औपचारिता, भ्रष्ट्राचारियों के हौसले बुलंद





कोरबा/पाली:-गाँव के ग्रामीणों को ग्राम में ही रोजगार मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा पंचायतों को रोजगार गारंटी योजना के तहत विभिन्न विकास कार्य हेतु भारी- भरकम राशि प्रदान की जाती है लेकिन जनता के द्वारा चुने गए सरपंच ही सचिव व रोजगार सहायक के साथ मिलकर रोजगार गारंटी जैसे जनकल्याणकारी योजना में भी डांका डालते हुए भ्रष्ट्राचार करने से नही चूकते।ऐसा ही एक ताजा मामला पाली जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पटपरा का सामने आया है जहाँ की सरपंच श्रीमती भुनेश्वरी कंवर, सचिव आवेश कुमार व रोजगार सहायक बचपाल सिंह द्वारा आपसी मिलीभगत कर रोजगार गारंटी योजना में बिना कार्य के मजदूरी भुगतान की राशि आहरण कर बंदरबांट करते हुए उक्त योजना में पलीता लगाने का काम किया है।जहां उक्त भ्रष्ट्र कृत्य के विरुद्ध उचित जांच एवं कार्यवाही को लेकर इस पंचायत के वार्ड क्रमांक- 02 में रहने वाली 25 वर्षीय जागरूक साधना कंवर ने ग्रामीणों की ओर से बीड़ा उठाते हुए गत 20 अगस्त 2020 को कलेक्टर व जिला सीईओ एवं 24 अगस्त 2020 को पाली सीईओ से सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक के कारगुजारियों के विरुद्ध स्वयं व दर्जनों महिला- पुरुष ग्रामीणों का हस्ताक्षरमय शिकायतपत्र सौंपा था जिसमे यह उल्लेखित कि बीते 2020 में मई से जून तक मनरेगा के तहत झोखामुड़ा में नया तालाब का निर्माण कराया गया जिसमें 18 जून से 25 जून तक बिना कार्य के 97 मजदूरों का फर्जी मस्टररोल के सहारे राशि आहरण किया गया।इसी तरह आश्रित ग्राम बखई में ग्रामीण मुरित राम के निजी भूमि पर 01 नवम्बर 2020 से 13 नवम्बर तक डबरी निर्माण का कार्य चला जिसमे 17 से 22 नवम्बर तक कार्य ही नही चला जबकि इस अवधि का भी दर्जनों ग्रामीणों का फर्जी हाजरी भरकर राशि निकाली गई।इसके अलावा 02 जून 2020 से चिर्राझोरखी तालाब गहरीकरण का कार्य प्रारंभ कराया गया जिसमें नियोजित दर्जनभर ग्रामीणों का नाम एक ही दिनाँक में पटपरा से भेलवाटिकरा मार्ग पर मनरेगा के तहत कराए गए पुलिया निर्माण कार्य मे भी अंकित कर गड़बड़झाला किया गया और इस प्रकार एक ही समय पर दो अलग- अलग कराए गए कार्य मे दर्जन भर मजदूरों का नाम अंकित कर एक सप्ताह का मस्टररोल तैयार किया गया।वहीं ग्राम के अनेक ग्रामीण मजदूरों का नाम मस्टररोल में आने के बाद भी उन्हें कराए जाने वाले कार्य मे नियोजित ही नही किया जाता।शिकायतकर्ता दुखीसिंह, भवानी, भानुप्रताप सिंह, रामकुमार, भजनसिंह, रीता, मदनपाल, फेंकनबाई, अनिल कुमार, सुनील, दुर्गा कंवर, रजनी, हराबाई सहित लगभग 3 दर्जन महिला- पुरुष ग्रामीणों का हस्ताक्षरमय सौंपे गए शिकायतपत्र के आधार पर बीते 06 सितंबर 2020 को पाली जनपद से जांच अधिकारी दिनेश कंवर सहित दो सदस्यीय टीम ग्राम पटपरा पहुँचे तथा शिकायतकर्ता ग्रामीणों का कथन लेने पश्चात वापस लौट गए जिसके बाद मामले में उचित जांच व किसी प्रकार से कार्यवाही नही होने को लेकर बीते 31 दिसंबर 2020 को साधना कंवर दर्जनों ग्रामीणों का हस्ताक्षरमय शिकायतपत्र लेकर पुनः पाली जनपद कार्यालय पहुँची और मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी को सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा मिलकर किये गए फर्जीवाड़ा की दस्तावेजमय सहित शिकायत सौंप निष्पक्ष जांच एवं उचित कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है।देखना है कि शिकायत को लेकर इस बार प्रशासनिक तौर पर क्या कार्यवाही की जाती है या फिर पूर्व की ही भांति दोबारा जांच की औपचारिता निभाकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है...?

Post a Comment

0 Comments