प्राथमिक शाला नर्सरीपारा शिक्षक से मिलने पहुँचे पालक बच्चों ने चहेते को रुँधे गले से दी बिदाई।

 



पाली/कोरबा(आईबीएन-24) सरकारी शिक्षक का स्कूल के प्रति समर्पण गर्व का विषय होता है।शिक्षक सुनील जायसवाल का प्राशा प्रधान पाठक पद पर पदोन्नत पश्चात स्थानांतरण दूसरे स्थान में होने की खबर ग्राम में फैलते ही पालकों ने अपने प्रिय शिक्षक से मिलने सैकड़ों की संख्या में प्रा.शा.-नर्सरीपारा पहुंचे। जिसने भी सुना अपने नयन को भीगने से रोक नहीं पाए। 


बच्चों बुजुर्गों माताओं के श्रीमुख शिक्षक के कार्यो को सराहते रहे,उन्होंने बच्चों को स्कूल तक लाने,अप्रवेशी शून्य करने,प्राइवेट स्कूल से ग्राम के बच्चों को अपने स्कूल तक लाकर काबिल बनाने,स्कूल को उद्यान विकसित करने, स्टाफ,बच्चों पालकों,तथा  छोटे-बड़ों तक को साथ लेकर चलते हैं।अपने ग्राम वासियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए एक से बढ़कर एक शिक्षकीय कार्यक्रम करवाए।


ग्राम वासियो को कंबल कपड़े गिफ्ट बच्चों को पाठ्य सामग्री बटवाना,हर त्यौहार पर शाला में दीपों की रोशनी हर पर्व स्कूल में मनाना,कोरोना जैसे महामारी में सेवा,बच्चो में संस्कार,शिक्षा के लिए भक्ति,ईश्वर की सेवा,अनुशासन जैसे सीख के लिए प्राथमिक शाला नर्सरीपारा सरकारी स्कूल प्रचलित नाम है,बच्चों को पात्र बनाकर शिक्षा प्रद फिल्म की शूटिंग तक के लिए विद्यालय का नाम जाना जाता है।


ग्राम से ही निःशुल्क शिक्षा देने वाले शिक्षा सारथी स्कूल तक आते हैं।ग्राम को शिक्षा के प्रति जागरूक कर स्कूल से घर व घर से स्कूल के बीच की दूरी में सेतु बने।विकास खंड शिक्षा अधिकारी विकासखंड पाली सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी बीआरसीसी तथा सीएससी का मार्गदर्शन समय समय पर इस स्कूल को प्राप्त होता रहा है।शाला प्रबन्धन समिति की बैठक माता उन्मुखीकरण जैसे कार्यक्रमो में पुरुषों से कहीं अधिक माताओं की संख्या विद्यमान रहती है। स्कूल से निकलते ही नर्सरीपारा के चौखट को सिर नवाकर तथा बड़े बुजुर्गों के चरण छूकर शिक्षक  रवाना हुए।

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