छत्तीसगढ़/कोरबा (आईबीएन-24) बदलते दौर में आजकल के युवा नौजवान जहां अपने जन्मदिन मनाने में हजारों रुपए बेवजह खर्च कर देते है. वही शहर की समाजसेवी संस्था "छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी" के सदस्य अपने जन्मदिवस पर रक्तदान करके अपना जन्मदिन मना रहे हैँ।
शहर मे छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी नामक संस्था काम कर रही है. जिनके द्वारा बहुत सारे सेवा प्रकल्प चलाये जा रहे हैँ. जरूरतमंदो के लिए प्रतिदिन आयोजित की जाने वाली सेवाओं मे जिला के मेडिकल कालेज मे 365 दिन भोजन सेवा, शहर मे घूम रहे भूखे लोगों के लिए रोटी बैंक सेवा, गौ सेवा व जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्तसेवा उपलब्ध कराई जाति है. इन सेवाओ के सिवाय भी बहुत सारे सेवा कार्य संस्था द्वारा की जा रहीं है और सभी सेवाकार्य पूर्णतः निशुल्क है. संस्था की इन कार्यों की वजह से बहुत से लोग आज संस्था से जुड़ रहे है व सेवाकार्य मे सहभागिता भी बन रहे हैं. बहुत से लोग आज संस्था से जुड़कर अपने जन्मदिन, अपनी विवाह वर्षगांठ,तो कोई किसी अपने की पुण्यतिथि पर जिला अस्पताल कोरबा मे भोजन सेवा करा रहे हैँ।
5 जनवरी को जन्मे संस्था के सक्रिय कार्यकर्ता, कुसमुंडा के गौ सेवक व हिन्दू धर्मरक्षक, जिला प्राशसनिक प्रमुख धर्मसेना "तामेश महंत" ने अपने जन्मदिन पर सिकलीन मरीज के लिए अपना 15वां रक्तदान करके जन्मदिन मनाया व ऐसे पुण्य कार्य करके उन्होंने समाज को मानवता का संदेश भी दिया है. उनके जन्मदिन पर उनके साथी सत्यम कैवर्त, व रोहित साहू ने भी रक्तदान किया. रक्तदान के पश्चात गिरारी स्थित "अपना घर सेवा आश्रम" पहुँचकर फल,मिठाई वितरण किये व वहाँ रह रहे प्रभूजनों के लिए भोजन सेवा आयोजित भी कराया.छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित "अपना घर सेवा आश्रम" जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी. कि दुरी पर स्थित है जहां, विक्षिप्त, अनाथ बेघर हो गए लोगों कि सेवा रतन-जतन कि जा रहीं है.
अपने जन्मदिन पर 15वीं बार रक्तदान कर रहे तामेश महंत ने कहा, "पीड़ित मानवता की सेवा का अनेक रूप हो सकता हैं. लेकिन जब बात रक्तदान की होती है तो अन्न,वस्त्र,श्रम और आर्थिक दान उसके सामने फीके पड़ जाते हैं, रक्तदान से सरोकार रखने वाले महादानी जाती,धर्म और संप्रदाय के साथ अमीर- गरीब का भेद नहीं जानते. क्योंकि तत्काल रक्त की जरूरत पड़ने पर किसका रक्त किसे चढ़ाया जा रहा हैं, यह कोई नहीं जानता. मानव जीवन के लिए रक्त का कतरा-कतरा संजीवनी हैं. "जब तक सांस है, तब तक आस है" यह रेखांकित करता हैं" एकबार रक्तदान करके आप किसी की जिंदगीया बचा सकते है, यूँ तो एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 माह मे रक्तदान कर सकता है लेकिन लोगों को कम से कम वर्ष मे एक बार अपने जन्मदिन के दिन रक्तदान जरूर करना चाहिए
आज संस्था के सदस्य जिस तरह से 24 घंटे सेवा कार्य कर रहे हैं, उससे आज लोगों को कही न कही जागरूकता का संदेश भी मिल रहा जिससे लोग अपने जन्मदिन पर जिला अस्पताल पहुँचकर स्वेच्छा से रक्तदान कर रहे हैँ जो कही न कही मानवता के लिए एक मिशाल है.
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