रेल कॉरिडोर निर्माण: कब्रिस्तान के रास्ते मिट्टी- मुरुम परिवहन से भारी वाहनों के पहियों तले दबकर अनेक कब्र का अस्तित्व विलुप्त, ग्रामीण हुए आक्रोशित.....।




कोरबा/कटघोरा(IBN-24NEWS) शासन- प्रशासन की उदासीनता के कारण गेवरा से पेंड्रा रेल कॉरिडोर निर्माण मे कार्यरत ठेकेदारों की मनमानी चरम पर है, जहां मिट्टी- मुरुम के लिए भू- स्वामियों के बिना अनुमति निजी खेत, जमीन का खनन तो शासकीय भूमि से गौण खनिज का दोहन आम बात हो गया है। रेल कॉरिडोर निर्माण को लेकर ठेकेदार की अवैधानिक कार्य रवैया आए दिन देखने सुनने को मिल रहे है। ऐसे ही एक और ताजातरीन मामले में ठेकेदार द्वारा ग्राम पंचायत डोंगरी के आश्रित ग्राम तिलवारी पारा में शासकीय भूमि से कराए जा रहे अवैध मिट्टी- मुरुम खनन के दौरान इसके परिवहन के लिए शमशान घाट की भूमि का चयन कर भारी वाहने दौड़ाई गई जिस वाहनों के पहियों तले दबकर अनेक कब्र का अस्तित्व विलुप्त हो गया। ठेकेदार की मनमानी और कब्र को क्षति पहुँचाने की हरकत को लेकर इस ग्राम एवं आसपास के निवासी ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और आक्रोशित लोगों ने परिवहन कार्य में लगे वाहनों को घण्टों तक रोक दिया। मामला गंभीर होता देख ठेकेदार किसी तरह लोगों के बीच पहुँचा व अपनी गलती स्वीकार कर जिन मृतक के कब्रों को नुकसान पहुँचायी गई उनके परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि देने का आश्वासन दिया तब जाकर लोगो का गुस्सा शांत हुआ। 


बता दें कि रेल कॉरिडोर के निर्माण में लगे ठेकेदार के हरकतों से ग्रामीण खासे परेशान हैं। जिसकी अनेक शिकायतें प्रशासन के पास हुई है। किंतु प्रशासकीय अधिकारियों के अनदेखी रवैये से ठेकेदार के हौसले बुलंद है और उनके कार्य करने का तौर- तरीके मनमर्जी एवं दबंगई पूर्ण चल रहा है। ऐसे कई मामले हैं जिनकी शिकायतें पीड़ित ग्रामीणों ने ठेकेदार के विरुद्ध थाने में दी है। वहीं महिलाओं से भी बदतमीजी करने में ठेकेदार एवं इनके अधीन कर्मी पीछे नही है। बीते 23 अप्रैल की ही घटना पर नजर डालें तो एक ग्रामीण महिला के खेत से उसके बिना अनुमति ठेकेदार द्वारा मशीन लगाकर मिट्टी- मुरुम निकाला जा रहा था। महिला ने जब मौके पर पहुँचकर इसका विरोध किया तब ठेकेदार एवं उसके कर्मियों ने मिलकर महिला के साथ अशोभनीय घटना को अंजाम दिया, जिसकी शिकायत पीड़िता ने दीपका थाने में दर्ज कराई तब कटघोरा थाना प्रभारी ने महिला के पति के मोबाइल पर दबाव पूर्ण बात करते हुए दर्ज शिकायत वापस लेने व उसके खेत को पहले की भांति पाटकर ठीक कर देने की बात कही, जिसकी आडियो रिकार्डिंग पीड़ित परिवार के पास सुरक्षित है। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि यदि ठेकेदार को इस प्रकार का प्रश्रय मिलेगा तो यकीनन उनके हौसले आसमान की बुलंदियों को छुएंगे ही।

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