सूरजपुर: गौ- सेवा आयोग के अध्यक्ष ने पशु क्रूरता निवारण समिति की ली बैठक, गौठान निरीक्षण के दौरान समूहों के कार्य देख गदगद हुए आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा....।




कोरबा- सूरजपुर(IBN-24NEWS) बीते 10 दिसंबर को छत्तीसगढ़ राज्य गौ- सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत रामसुंदर दास ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक ली। जिसमे आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा भी शामिल हुए। जहां बैठक में गौवंश के बेहतर देखभाल के लिए संचालित गौठान व्यवस्था व पशुओं के उचित उपचार को लेकर विस्तृत जानकारी ली गई। साथ ही जिले के समय सीमा की बैठक में पशु क्रूरता के संबंध में चर्चा- परिचर्चा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक समापन पश्चात श्री मिश्रा द्वारा गौठान निरीक्षण करने की इच्छा जाहिर की गई तब विभाग के अधिकारियों ने उन्हें सोनहत ब्लाक के अंतर्गत सलगावा कला, घुघरा और पूसला गौठान का निरीक्षण कराया। जहां वे महिला समूहों द्वारा गोबर खरीदी के साथ वर्मी कंपोस्ट निर्माण, तार से फेंसिंग जाली, ऐश ब्रिक्स के अलावा गोबर से चप्पल निर्माण के कार्य को देख खूब गदगद हुए और समूहों के प्रयास को जमकर सराहा। इस विषय पर उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार की गौधन योजना के अंतर्गत गौठानो के अस्तित्व में आने का सुखद परिणाम अब सामने दिखाई देने लगा है। तथा योजना की धरातल पर सफलता उन ग्रामीणों के सहयोग से स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है। जहां गौधन का अनेक प्रकार से उपयोग कर आय के स्रोत विकसित किये जा रहे है। इन गौठानो में सबसे अच्छी व्यवस्था पानी और सोलर लाईट के साथ चारागाह के लिए नेपियर घास की उत्पादकता है। नेपियर घास लगाने में काफी सावधानी बरती गई है। जिससे वह शत प्रतिशत सफल रही और मवेशियों को खिलाने के बाद बिक्री कर भी लाभ लिया जा रहा है। श्री मिश्रा ने गोबर से बनाए जा रहे चप्पल के संबंध पर बताया कि वैदिक रूप से गोहर गम, आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियां, चूना व गोबर पावडर को मिक्स करके चप्पल बनाई जा रही है जिसे पहनने से बीपी और शुगर कंट्रोल करने में सकारात्मक लाभ मिलेगा। जिसे महिला समूहों द्वारा गौठान में तैयार किया जा रहा है तथा जिस चप्पल की कीमत 400 के करीब रखा गया है। इस प्रकार प्रदेश सरकार की गौठान योजना से ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार के साथ- साथ अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त करते हुए स्वावलंबी बनने का अवसर मिल रहा है, जो छत्तीसगढ़ सरकार के जनहितैषी सोच का परिणाम है।

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