कोरबा/पाली(IBN-24NEWS)कोविड 19 संक्रमण की वजह से बीते लाकडाउन के कारण लोगों के काम- धंधे बंद रहने से मध्यम एवं गरीब वर्ग की चरमराई आर्थिक हालात को ध्यान में रख राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा आमजन को राहत पहुँचाने की दिशा में कार्य करते हुए और पीडीएस राशन दुकान से उपभोक्ताओं को निशुल्क चांवल का वितरण कराया जा रहा है। किंतु बीते महीने से बेहद गुणवताहीन खराब तथा सड़ा हुआ पाकड़ चांवल पीडीएस हितग्राहियों को दिया जा रहा है। जिसे शायद जानवर भी न खाए उस घटिया चांवल से गरीबों के पेट भरने का प्रयास किया जा रहा है। कस्टम मिलिंग के बाद नान गोदामों व यहां से निकलकर पीडीएस राशन दुकानों तक पहुँचने वाला यह पाकड़ चांवल खाद्य विभाग व नान के शीर्ष से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों के नजरों में दिखाई दी या नही यह तो वे ही बता सकते है, किंतु कहीं न कहीं भ्रष्ट्राचार की हांडी में पके इस खराब चांवल को कोरोना संकट और आर्थिक थपेड़ो से जूझ रहे गरीब खाने को मजबूर है। जिस घटिया चांवल को देखने मात्र से उसकी घटिया क्वालिटी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। पाली नगरीय सहित ग्रामीण इलाकों में सप्लाई हो रहा सड़ा हुआ पाकड़ चांवल जो पीडीएस राशन दुकानों से निकलकर गरीब उपभोक्ता की थाली में पहुँच रहा है। उसे खराब स्थिति झेल रहे लोग खाने को विवश है। और वह इसलिए क्योंकि भ्रष्ट्राचार के इस खेल में उनको देखने- सुनने वाला कोई नही। सूत्रों के अनुसार खाद्य विभाग, नान व मिलरों की आपसी साठगांठ और मिलीभगत से खराब गुणवत्ता हीन चांवल की कस्टम मिलिंग करवाकर नान गोदामों में भंडारित करा दिया गया है और जिसे पीडीएस राशन दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को वितरण किया जा रहा है। इस विषय पर उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें ऐसा घटिया चांवल पहले कभी नही मिला जैसा चांवल बीते महीने से दिया जा रहा है, जो खाने लायक तो बिल्कुल नही लेकिन पेट की आग बुझाने के लिए खाने की मजबूरी है। दुर्भाग्य है कि जिला प्रशासन ने इस ओर अबतक संज्ञान नही लिया। दूसरी ओर खराब व सड़े हुए इस चांवल की आपूर्ति से प्रदेश सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। जिसे गंभीरता के साथ संज्ञान में लेकर दोषियों पर आवश्यक कार्यवाही जरूरी है।
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