रायगढ/धरमजयगढ़ (IBN-24NEWS) आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अंतर्गत घने जंगलों के बीच ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसा गांव लमिखाकर के प्राथमिक शाला के शिक्षक ने वनांचल क्षेत्र में संचालित शासकीय विद्यालय का अथक व कड़ी परिश्रम कर आज इस मुकाम पर पहुँचा दिया है कि जिला के कोई महंगे प्रयवेट स्कूल से यह स्कूल कम नही चाहे शिक्षा को लेकर हो, स्कूल की बुनयादी सुविधा हो, या फिर कबाड़ से जुगाड़ हो यहाँ के स्कूल में बाकायदा लायब्रेरी का निर्माण कर पांच हजार से अधिक विभिन्न ज्ञानवर्धक किताबों का संग्रहण के साथ बागवानी तैयार कर अधिकतर मध्यान्ह भोजन हेतु हरि सब्जी यहाँ से उपयोग में लिया जाता है।
इतना ही नहीं शालेय प्रांगण में भारत के नक्से का निर्माण कर समीपवर्ती देशों का निर्माण के साथ देश के नक्से में विभिन्न प्रजाति के फूल पौधों का रोपण मिसाइल आदि कबाड़ से जुगाड़ कर के निर्माण कर बच्चों को खेल खेल में जनरल नॉलेज बढ़ाने की दिशा में अध्यापक का यह अनोखा पहल देखने को मिलता है।जहाँ बीते दिनों प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक निरंजन लाल पटेल सहायक शिक्षक प्रदीप नायक द्वारा घने सुदुरंआचल। गांव बीच बसे ग्रामीण बच्चों को गांव से दूर शहरी परिवेश की दुनिया दिखाने का एक छोटा सा प्रयास किया गया जिसके तहत स्कूली बच्चों को कुम्हार, दर्जी, कम्प्यूटर दुकान, पुलिस थाना, डॉक्टर, सोनार, किसान, मेडिकल, बैंक आदि जगहों का भ्रमण कराया गया तथा बच्चों को प्रेरित किया की वे भी पढ़ाई में मेहनत करें और कुछ बनकर अपने एवं समाज की सेवा करें । जब ये बच्चे छाल थाना को पहुँचे तब छाल थाना प्रभारी प्रवीण मिंज ने बच्चों को देखकर काफी खुश हुए और उन्हें थाना का भ्रमण कराया व आये बच्चों को प्रभारी द्वारा थाना के कार्यशीली का विस्तार से अवगत कराया तथा बच्चों को पढ़ाई के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित करने के साथ आये बच्चों को फल, बिस्किट चाकलेट आदि देकर सभी पुलिस स्टाप से मिलाकर आगे के लिए विदा किया गया।
जहाँ थाना प्रभारी के ब्यवहार से बच्चे उत्साहित हुए तथा बच्चों के द्वारा उनके जैसे पुलिस ऑफिसर आगे चलकर बनने की बात कही। जिससे बच्चे काफी खुश नजर आए उसके बाद बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छाल के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस के पैंकरा एवं डॉ द्विवेदी से भी मिलाया डॉक्टर पैंकरा बच्चों से मिलकर बहुत खुश हुए तथा बच्चों को पठन सामाग्री लेने के लिए 5 हजार रूपए नगद दिए और बच्चों को पढ़ाई में खूब मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
वही भारतीय स्टेट बैंक मैनेजर भी बच्चों के टेलेंट को देखकर काफी प्रभावित हुए और सभी ने शिक्षकों की काफी सराहना की कि वे इतनी मेहनत कर बच्चों के भविष्य सुधारने में जुटे हुए हैं ।
निरंजन लाल पटेल प्रभारी प्रधान पाठक :-
मैंने अक्सर देखा है की अगर बच्चों को ये पूछा जाए कि बड़े होकर क्या बनोगे तो उनसे सिर्फ यही जवाब मिलता है कोई डॉक्टर तो कोई पुलिस इसलिए मैंने अपने स्टॉफ के साथ मिलकर बच्चों को हर प्रकार के लोगों से मिलाया और उनके काम के बारे में समझाया कि कोई भी कार्य छोटा नहीं होता अपने कार्य के समर्पित रहना चाहिए ताकि वे अपनी योग्यता के अनुसार किसी भी काम में पीछे ना रहें और भविष्य में हर काम को करने के लिए तत्पर रहें ।
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