कोरबा(IBN-24NEWS) सरकार की ओर से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने तरह-तरह की योजनाएं संचालित करने मे कोई कमी नहीं की जा रही हैं,स्कूली बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, खाना, ड्रेस आदि आवश्यक सामग्री का वितरण होता है, सायकल वितरण, अन्य योजना लागु है पर 2011से जिले के जितने भी हाई स्कूल हायर सेकेंडरी अस्तित्व में आए है उन अधिकांश स्कूलों में चपरासी की कमी अभी भी बनी हुई है, जिसके वजह से अधिकांश स्कूलों में चपरासी की नियुक्ति नहीं हो पाई है, जिसके वजह से प्रायः स्कूलों में या तो बच्चे खुद ही स्कूल के साफ सफाई में लगे रहते हैं या तो शिक्षक शिक्षिकाओं को अपने स्कूल का अध्यापन कार्य छोड़ कर साफ सफाई करना पड़ता है, जिसके वजह से निसंदेह बच्चों की पढ़ाई जरूर प्रभावित होता है, ऐसा ही एक मामला पाली ब्लॉक के अंतर्गत मानिकपुर मांगामार पंचायत के स्कूल में देखने को मिल रहा है वहाँ के स्कूल मे 2011के बाद से एक भी चपरासी की नियुक्ति नहीं हो पाई, विगत दिनों पूर्व विधायक रामदयाल उइके ज़ब क्षेत्र के दौरे मे निकले थे तो वहाँ के प्राचार्य द्वारा बताया गया की स्कूल तो खोल दिया गया पर चपरासी की नियुक्ति नहीं की गईं है, जिससे बच्चों के साथ शिक्षक परेशान होते है,जिसके वजह से स्कूल की साफ सफाई बच्चों को या शिक्षको को ही करना पड़ता है आगे उन्होंने बताया की स्कूल में संस्कृत टीचर की कमी है, जिसके वजह से भी बच्चे परेशान होते है ग्रामीणों द्वारा बताया गया जिससे प्रशासनिक अधिकारियो अनदेखी के कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है, वहां के पंचायत प्रतिनिधियों और प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में 121 बच्चे अध्ययनरत है फिर भी प्रशासनिक अमला चपरासी की नियुक्ति पर ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि डीएमएफ योजना के तहत चपरासी की नियुक्ति हो सकती है पर प्रशासनिक अमला द्वारा ध्यान नहीं देने की वजह से यह स्थिति निर्मित है जिले के कई स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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