आयुर्वेद की सेवा में अहम भूमिका निभा रहे वैद्य जानकी....। कलेक्टर ने अवलोकन कर दी बधाई।




            कोरबा/पाली(IBN-24NEWS) आबादी बढ़ रही है, और जंगल घट रहे हैं,जंगल घटने से विशेष पौधा तो नुकसान हो ही रहे हैं,हमारे छत्तीसगढ़ की पहचान जल,जंगल,जमीन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे,सनातन काल से मनुष्य को संजीवनी प्रदान करने वाले विभिन्न औषधि पादप भी संरक्षण तथा जानकारी के अभाव में विलुप्त तथा नष्ट हो रहे हैं,उन्हें सहेजने व सवारने की महती आवश्यकता थी।



इसी कड़ी में ऋषि वैद्य कल्याण संघ के अध्यक्ष वैद्य श्री जानकी जी पुलस्त ने विलुप्त होती औषधि  पादपों को मेहनत  कर तथा स्वयं  व्यय कर के जंगल से बाड़ी तक संरक्षण करने जनमानस हित में लोगों की सेवार्थ हेतु 50,000 औषधीय पादपों को संरक्षित ही नहीं किया, बल्कि निशुल्क वितरण भी उनके द्वारा किया जा रहा है,ताकि हमारे पुरोधा की संपत्ति को अपने जीवन बचाने के उपयोग में ला सकें,तहसील पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत हरनमुड़ी के आश्रित छोटे से ग्राम कदमपारा में होंम हर्बल गार्डन का निर्माण कर बिना साइड इफेक्ट के आयुर्वेद के औषधि को बढ़ावा देने ऋषि वैद्य कल्याण संघ के अध्यक्ष वैद्य जानकी भी इसी सार्थक उद्देश्य से आयुर्वेद पौधों को जरूरतमंद के हिसाब से निशुल्क प्रदान कर रहे हैं,आयुर्वेद दवाई भी स्वयं के खर्च से निर्माण कर अनगिनत लोगों की व्याधियों को दूर करने में भागीरथ प्रयास कर रहे हैं,इसके अच्छे प्रतिसाद देखने को भी मिल रहे है, वैद्य जानकी  के द्वारा लगातार बेहतर प्रयास किया जा रहा है।


इन सब को देखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ साथ पूरे देश में इनके द्वारा निर्मित दवाइयां लोगों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है,  माननीया कलेक्टर कोरबा श्रीमती रानू साहू ने भी पुलस्त के हर्बल गार्डन का अवलोकन  किया,वहाँ उन्होंने पौधों को देखकर स्वयं ही बताने लगी पौधों के नाम! श्यामा हल्दी,गुड़मार आदि के नाम बताकर उन्होंने शायद सबको सन्देश भी दिया कि आयुर्वेद ही हमारे जीवन रक्षक हैं,जानकी पुलस्त के लोकहित में निर्मित हर्बल गार्डन के निर्माण को लेकर कलेक्टर खुश हुई,साथ मे संभागायुक्त श्री चौहान,जिला सी.ई.ओ.श्री कुंदन कुमार,एस.डी.एम. श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी,जनपद सीईओ श्री राठौर,आदि समस्त अधिकारीयो ने भी वैद्य जानकी पुलस्त के आयुर्वेद के क्षेत्र में नेक काम के लिए बधाई भी दी, गुड़मार(शुगर) एलोवेरा, स्टीविया (शुगर) चिरायता, गिलोय, आंवला, मंडूप प्राणी ब्राह्मी का पौधा,आईशा आदि का वितरण भी जानकी ने अधिकारी, कर्मचारी, ग्रामीण जन,महिलाओं, तथा जरूरतमंदों को निशुल्क प्रदान कर रहे है...।

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