सावन महीना लगते ही पहला सोमवार को ही लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना करने पहुंचे।



चैतमा(IBN-24NEWS) गाँव के प्राचीन शिव मंदिर में सुबह से ही भक्त उमड़ पड़े,  मंदिर समितियों के पदाधिकारियों ने लोगों से सामाजिक दूरी का पालन कर पूजा अर्चना करने को कहा गया , भक्तों ने शिवालयों में जल धारा, बेलपत्र व दूध-दही से अभिषेक किया। आचार्य श्याम कुमार दुबे के मुताबिक सावन माह में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है।


चैतमा में भक्तों ने शिवालयों में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। कोरोना को देखते हुए भक्तो ने सोशियल डिस्टेंस को पालन करते हुए मंदिर पूजा-अर्चना की, भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोगों ने उपवास रखा, भगवान शिव को दूध, बेलपत्र आदि अर्पित कर भगवान का आशीर्वाद लिया। ग्रामीण क्षेत्रों में अल सुबह लोगों ने शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया और शाम को भजन-कीर्तन का आयोजन किया, महिलाओं ने उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना की। मंदिरों में भक्तों से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया गया, दिन भर बदली छाई रही औरहल्की बरसात होते रही पर बारिश भी भक्तो की आस्था पर भारी नहीं पड़ सकी,भक्त भगवान शिव का दर्शन करने गए और जल अभिषेक किया ,सनातन संस्कृति में सावन को भगवान शिव का प्रिय माह माना गया है। चूकिं यह माह चातुर्मास में आता है और इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं,ऐसे में सृष्टि संचालन का पूरा भार भगवान शिव पर रहता है। जिसके चलते हर भक्त इस समय भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूरे माह उनकी पूजा आराधना में लगा रहता है।

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