बीहड़ वनांचल छेत्र में, मधुमक्खी का पालन पर जीवकोपार्जन कर रहे किसान ...सुखराम राजवाड़े।




कटघोरा (आई.बी.एन. 24 न्यूज़) विकासखण्ड पोंडी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत धजाक (मोरगा) निवासी सुखराम राजवाड़े द्वारा अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार एवं जीवकोपार्जन हेतु 20 वर्षों से मधुमक्खी का पालन किया जा रहा है जिससे उसकी पूरी परिवार का गुजर बसर चलता है सुखराज राजवाड़े बीहड़ वनांचल छेत्र के ग्राम पंचायत धजाक के आश्रित मुहल्ला भुलसी भवना में निवास करता है 20 वर्षी के लगातार यह व्यक्ति मधुमक्खी का पालन करते आ रहा है। सुखराम राजवाड़े द्वारा बताया गया कि वह मधुमक्खी की खोज पहाड़ो से खोजकर अपने घर लाता है,ज़्यादातर मधुमक्खी लामपहाड़ में मिलता है वह जंगल मे जाकर  मधुमक्खी की खोजकर उसे अपना घर मे लाता है घर मे लाने के बाद उसके पालन हेतु डिब्बे का निर्माण किया गया है। 



जिनमे सभी मधुमक्खी को रखा जाता है,डिब्बे में मधुमक्खी रहती है धीरे धीरे कुछ दिन बाद वह उस डिब्बे में अपनी  निवास के लिए घर बना कर बाहर जंगलों से फूलों के रस लाकर उस डब्बे में रखती है,और डब्बे के अंदर उसका छत्ता में रस धीरे धीरे अधिक मात्रा में होने के बाद मशीन की सहायता से उस रस को निकाल कर उस पानी बॉटल डिब्बे में रख लेता है,जो ओरिजनल मधुरस होता है जिसे ग्राहकों द्वारा उसके घर से खरीदकर अपनी उपयोग हेतु ले जाते है जिससे सुखराम राजवाड़े को आमदानी हो जाता है।और वह अपनी परिवार का पालन पोषण करता हैकिसानों की आय को दोगुना करने के लिए वैज्ञानिक पद्धति से मधुमक्खी पालन को कृषि एवं बागवानी आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकारें लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं इसके लिए कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को समय समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है और साथ ही सरकारें किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को अनुदान भी उपलब्ध करवा रही है | अधिकतर लघु एवं सीमांत किसान हैं जो परंपरागत खेती के जरिये अपनी आय नहीं बढ़ा पा रहे हैं | किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य ऐसे अनुपूरक उद्यान व्यवसाय अपनाये जाने की आवश्यकता है,जिनमें भूमि की ज्यादा जरुरत न हो ।

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