कुष्ठ मरीजों के खोज एवं निरंतर निगरानी का अभियान जारी ।





संवाददाता-सागर बत्रा की रिपोर्ट


रायपुर (IBN-24NEWS) सभी विकासखंडों एवं शहरी क्षेत्रांे में दो चरणों में चलेगा अभियान कुष्ठ का उपचार संभव जिले के सभी विकासखंडों एवं शहरी क्षेत्रांे में सक्रिय कुष्ठ मरीज खोज एवं निरंतर निगरानी अभियान (ACD&RC)  दो चरणो में संचालित किया जा रहा हैं। इसमें से पहला चरण 15 जुलाई से शुरू किया गया है जो सितम्बर माह तक आयोजित होगा दूसरा चरण दिसम्बर से फरवरी 2022 तक चलाया जाएगा। यह ए.सी.डी अभियान अति-संवेदनशील संवेदनशील एवं सामान्य ग्रामो के साथ साथ नगरीय निकायों के वार्डो में किया जाएगा। वर्तमान में सर्वे अभियान जिले के सभी विकासखंडों में शुरू हो गया हैं।रायपुर शहर में यह अभियान अगस्त माह से शुरू किया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि निगरानी अभियान के लिये रायपुर जिले में 2 हजार 778 कुष्ठ खोजी दल बनाया गया हैं जिसके द्वारा गृह भेट कर संदेहास्पद चर्मरोगियों की खोज की जाएगी इन दलों में एक मितानिन एवं एक स्वयंसेवी पुरुष कार्य करेंगें जहां आर.एच.ओ. कार्यरत् है। वहां पुरूष स्वसेवी सर्वेक्षण कार्य नहीं करेंगे संदेहास्पद चर्मरोगियांे का ए.एन.एम. द्वारा सत्यापित किया जावेगा इसके उपरांत मेडिकल ऑफिसर द्वारा सत्यापन किया जायेगा संदेहास्पद मरीज मिलने पर खोजी दल द्वारा रिफरल स्लीप देकर निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में कुष्ठ की पुष्टीकरण हेतु भेजा जायेगा जहां चिकित्सा अधिकारी द्वारा कुष्ठ की पुष्टीकरण करने के पश्चात् उनका तत्काल उपचार शुरू किया जायेगा। इस अभियान के लिये विकासखण्ड स्तर पर खोजी दल का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने समुदाय के हर व्यक्ति सेे कुष्ठ रोग की जानकारी देने की अपील की है। जिससे छत्तीसगढ़ राज्य और रायपुर जिले को कुष्ठ मुक्त बनाया जा सकें। उल्लेखनीय है कि कुष्ठ का उपचार संभव है। इसके लिए एम.डी.टी. की टेबलेट ली जाती है पी.बी. प्रकार के रोगियों को छः माह तथा एम.बी. प्रकार के रोगियों को बारह माह नियमित दवा सेवन की सलाह दी जाती है। उल्लेखनीय है कि कुष्ठ रोग के लक्षण में चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फीके या बदरंग दाग धब्बे जिसमें शून्यपन हो अर्थात जिन दागांे में खुजली जलन या चुभन न हो चेहरे पर लाल तामिया तेलिया चमक हों तंत्रिकाओं में सुजन मोटापन हाथ-पैरों में शून्यपन व सूखापन हो यह भी कुष्ठ की पहचान हैं।



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