स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत के जांजगीर- कोरबा में आयोजित 43वी पुण्यतिथि कार्यक्रम में सहयोगियों सहित शामिल हुए गौ- सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा, बाबूजी को दी गई भावपूर्ण पुष्पांजलि.....



कोरबा(IBN-24NEWS)  अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मंत्रिमंडल में मंत्री एवं पूर्व उद्योग, लोक निर्माण विभाग एवं जेल मंत्री रहे, छत्तीसगढ़ महतारी के सपूत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, मानवता के पुजारी स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत के 43वी पुण्यतिथि पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष (पुत्र) डॉ चरणदास महंत के साथ गौ- सेवा आयोग छग शासन के नवनिर्वाचित सदस्य एवं कोरबा सांसद प्रतिनिधि व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महासचिव प्रशांत मिश्रा जांजगीर के अलावा कोरबा स्थित ओपन थियेटर घँटाघर के पास बिसाहूदास महंत स्मृति उघान में आयोजित पुण्यतिथि कार्यक्रम में अपने सहयोगियों यशवंत लाल, सुरेश गुप्ता, अजय सैनी के साथ शामिल हुए और उन्हें स्मरण करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके जीवनचक्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास और बाबूजी के आदर्शों के अनुरूप अधूरे कार्यों को पूरा करने हम सब संकल्पबद्ध हैं।


बता दें कि जांजगीर- चाँपा जिला अंतर्गत सारागांव में एक कृषक परिवार के यहां 1 अप्रैल 1924 को जन्मे स्व. बिसाहूदास महंत छोटी उम्र में ही आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे और आगे चलकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरु, श्रीमती इंदिरा गांधी से प्रभावित होकर अखिल भारतीय कांग्रेस के सदस्य बन गए थे और वे आजीवन पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करते रहे। उन्होंने राजनीति को सेवा का बड़ा माध्यम बनाया व मध्यप्रदेश के लिए एक भारतीय राजनीतिज्ञ बन गए। वे राज्य में कांग्रेस के निर्मित सबसे सफल विधायक रहे और उन्होंने 1952 में पहली बार बाराद्वार से विधानसभा का चुनाव लड़ प्रतिनिधित्व किया। जिसके पश्चात 1957 में नवागढ़ से, 1962 में चाँपा से चुनाव जीते तथा 1967, 1972 व 1977 में भी चाँपा से विधानसभा चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे। वे 6 बार विधायक रहे और अंतिम कार्यकाल तक अजेय योद्धा बने रहे। सन 1978 में अखंड मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहने के दौरान 23 जुलाई को वे इस दुनिया को अलविदा कह गए। अब जिनके निर्वाण क्षेत्रों के लिए क्रमशः एक, दो और तीन शब्दों के लिए नया बाराद्वार, नवागढ़ और चांपा के रूप में जाना जाता है। कृषि के क्षेत्र में सिंचाई के लिए बांगो बांध भी उनके सपनों की उपज थी और नहरों का ताना-बाना बुनने में स्वर्गीय श्री बिसाहूदास महंत का एक बड़ा योगदान रहा है, साथ ही कोसा एवं बुनकर व्यवसाय को प्रदेश से लेकर विदेशों तक जो ख्याति प्राप्त है उनमें स्वर्गीय बिसाहू दास का अतुलनीय योगदान भी रहा है।

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