चैतमा/पाली (IBN24NEWS)राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का चैतमा ग्रामीण इलाकों मे निर्धारित पोर्टल पर पंजीयन किया जा रहा है पंजीयन की प्रक्रिया 1 जून से शुरू हो गई है, पंजीयन की प्रक्रिया अंतिम तिथि 30 सितम्बर तक चलेगी, योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को 9 हजार धान की फसल पर 10हजार दलहन तिलहन लगाने पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से आदान सहायता दी जायेगी, किसानों के आय क़ो बढ़ाने के लिए शासन हर सम्भव प्रयास कर रही है,शासन की मंशा के अनुरूप क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैऔर उसे मूर्त रूप देने प्रयास रत कर्मचारी है , क़ृषि विस्तार अधिकारी देव शरण पैकरा ने बताया कि फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना, फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन में वृद्धि, फसल के कास्त लागत की प्रतिपूर्ति कर कृषकों के शुद्ध आय में वृद्धि करना, कृषकों को कृषि में अधिक निवेश हेतु प्रोत्साहन तथा कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करते हुए जी.डी.पी में कृषि क्षेत्र की सहभागित में वृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य हैशासन का है,उन्होंने आगें बताया कि इस योजना के लिए सभी श्रेणी के भूमि स्वामी, वन पट्टाधिकारी किसान जो धान के साथ खरीफ की फसल मक्का, कोदो कुटकी, सोयाबीन, अरहर, तथा गन्ना उत्पादन करेंगे,उन्हें 9 हजार धान प्रति एकड़ आदान सहायता राशि मिलेगा और यदि उन्होंने गत वर्ष 2020-21 किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था,यदि वह धान के बदलें में सुगन्धित धान, मक्का, कोदो कुटकी, अरहर, सोयाबीन दलहन /तिलहन तथा केला, पपीता का रोपण करता है, उसे प्रति एकड़ 10 हजार की आदान सहायता मिलेगा,वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जायेगी, उन्होंने ने बताया की इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। किसान समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज ऋण पुस्तिका, बी1, आधार नम्बर, बैक पासबुक, की छायाप्रति सहित भरे हुए आवेदन को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सत्यापन कराना होगा। सत्यापन के बाद किसान अपना आवेदन सम्बंधित सोसायटी में समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। साथ ही पावती प्राप्त करेगा,आधार नंबर सभी प्रक्रियाओं में अनिवार्य किया गया है,राज्य शासन वृक्षारोपण बढ़ाना देने के उद्देश्य से राज्य शासन की नवीनतम योजना मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की तैयारियों कर रही शासन के महत्वकांक्षी योजना शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक किसानों से मिलकर इस योजना के बारे से जानकारी देना है और उन्हें प्रोत्साहित करना है उन्होंने बताया कि शासन ने यह योजना 1 जून 2021 से लागू हो गई है,इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक, इस योजना के तहत केवल गैर वनीय क्षेत्रों में ईमारती,गैर ईमारती, फलदार, बांस, अन्य लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जाएगा, जिसमे अमरुद पपीता संतरा इत्यादि है जिन किसानों ने खरीफ फसल 2020 में धान के फसल लिया हो और अब वह धान के बदले अपनें खेतों में वृक्षारोपण करता है तो उन्हें आगामी 3 सालों तक प्रतिवर्ष 10 हजार प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी,इसी कड़ी चैतमा क्षेत्र मे शुरवाती रुझान किसानों मे आए है,
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