कटघोरा(IBN24NEWS) ग्राम डूडगा में बच्चो ने गुड्डे-गुडियो का विवाह कराकर अकती त्योहार मनाया।
छोटे बच्चे भी पूरी रीति रिवाज के साथ अपने गुड्डा गुड़ियों का विवाह रचाते हैं।इस प्रकार गांव में बच्चे समाजिक कार्य व्यवहारो को स्वयं सीखते व आत्मसात करते हैं।इसलिए कहा जा सकता हैं कि अक्षय तृतीया(अकती)समाजिक व सांस्कृतिक शिक्षा का अनूठा त्योहार है।कोरोना काल मे ग्रामीण बच्चे घर में मण्डप सजा कर मनोरंजन कर रहे हैं।घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे परिवारों के लिए यह एक अच्छा मनोरंजन का साधन है तथा बच्चों का भी उत्साह बना हुआ है।कुछ बच्चे बाजा बजाते हैं तो कुछ नाचते हुए उछल कूद करते हैं। यह परंपरा प्राचीन काल से से चला आ रहा है।यह भी माना जाता है अकती अपने आप मे शुभ मुहूर्त है।पंचाग में विवाह का योग नही रहेगा तब भी अकती के दिन को कोई भी धार्मिक अनुष्ठान के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है।किसान लोग खेतो में 5 मुट्ठी अनाज बोकर धान बोआई का शुरुआत करते हैं कितने लोग इस तिथि में दान करते हैं।
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