कोरोना से मौत के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने परिजन हो रहे परेशान ....



5 -10 रुपये प्रति पेज की दर से चोरी छिपे फोटो कापी करवाने परिजन मजबूर.... 


             रायगढ़ (IBN24NEWS) / जिले मे कोविड से मृत्यु हो जाने वाले व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है वहीं आवश्यक दस्तावेज की फोटो कॉपी के लिये लाक डाउन होने के कारण भटकना पड रहा है साथ ही प्रतिपेज फोटो कॉपी के लिये 5 से 10 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।   

                कोविड से मृत्यु हो जाने वाले व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये रोज कई परिजन जिला चिकिसालय पहुँच रहे हैं । मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये एक फार्म दिया जा रहा है जिसे फोटोकॉपी करवाकर वापस भी करना है साथ ही अन्य दस्तावेज जैसे मृतक का आधार कार्ड, मृतक के बैंक पासबुक की छाया प्रति ,पति / पत्नि का आधार कार्ड , पिता का आधार कार्ड , माता का आधार कार्ड,  मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले का आधार कार्ड आदि की छाया प्रति के साथ फॉर्म को भरकर जमा करना है इसके पश्चात ही मृतक के परिजन को मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है।  

                  जिले मे लाक डाउन है सभी दुकाने बन्द है फोटो कॉपी की भी दुकाने बन्द है , जिला चिकित्सालय मे फोटो कॉपी करने की भी कोई व्यवस्था नही है ऐसे में मृतक के परिजनों को फोटो कॉपी के लिये खासा दिक्कतों का सामना करता पड़ रहा है। परिजन फोटोकॉपी कराने के लिये भटक रहे हैं तो वहीं कुछ दुकानदार चोरी छिपे फोटो कॉपी कर रहे हैं और प्रति पेज फोटोकॉपी के नाम पर 5 से 10 रुपये वसूल रहे हैं तो कुछ लोगों के मोबाइल में यह दस्तावेज होने के  कारण उन्हे कम्प्यूटर से प्रिंट कराना पड़ रहा है जिसके लिये प्रतिपेज 20 रुपये  फोटो कॉपी दुकान वाले वसूल रहे हैं । 

                वहीं आसपास के गांव से मृत्यु प्रमाण पत्र लेने  आने वाले परिजन को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

                 आवश्यकता है कि प्रशासन द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिये आवश्यक दस्तावेज की फोटो कॉपी हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाये क्यों कि लाकडाउन है और दुकाने बन्द है  किसी सामाजिक संस्था या दुकानदार को फोटो कॉपी की व्यवस्था के लिये नियुक्त किया जाये जो न्यूनतम मूल्य पर  फोटो कॉपी की सुविधा जिला चिकित्सालाय मे ही दे सके ताकि मृतक के  परिजनों को फोटोकॉपी के नाम पर भटकना न पड़े व मृत्यु प्रमाण पत्र आशानी से प्राप्त हो सके।  


                                                        

                    

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