पाली RES के SDO को नही किसी का भय...!जिला प्रशासन के निर्देश को धत्ता बताकर विधानसभा संचालित सत्र में भी मुख्यालय छोड़ बिलासपुर स्थित अपने निवास से कर रहे आनाजाना





कोरबा/पाली(IBN-24NEWS) जिले के पाली मुख्यालय में संचालित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग में पदस्थ एसडीओ एम.एस. कंवर को लगता है अब किसी का भय नही रह गया है जो ऐन संचालित विधानसभा सत्र में भी जिला प्रशासन के मुख्यालय नही छोड़ने संबंधी निर्देश को दरकिनार कर प्रतिदिन बिलासपुर से आना- जाना कर रहे है।विगत वर्ष 2005- 06 से एक ही जगह पर जमे रहकर सब इंजीनियर से एसडीओ बनने तक का सफर तय करने वाले उक्त अधिकारी द्वारा अपने संबंधित अधिकारी के निष्क्रियता व जिला प्रशासन की अनदेखी का फायदा उठाकर अब मनमानी पर आमादा है।जबकि इन्हें पाली में शासकीय आवास आबंटित है जिसमे बहुत कम समय ही गुजारते है एवं अधिकतर बिलासपुर से ही आनाजाना करते हुए अपने दायित्व का निर्वह कर रहे है।एक ही जगह पर काफी लंबे समय से पदस्थ रहने वाले उक्त एसडीओ का अन्यंत्र स्थानांतरण महज एक बार ही बीते 2017 में हुआ था जहाँ 2018 में इनकी पुनः पाली वापसी अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त विभागीय संरक्षण की ओर इशारा करता है इसीलिए शायद एसडीओ श्री कंवर को ज्यादातर ट्रांसफर की मार भी नही झेलनी पड़ी है इस प्रकार लंबे अर्से से एक ही स्थान पर पदस्थ रहने के कारण एसडीओ द्वारा निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता को बढ़ावा दिया गया है।जिसके कारण गुणवत्ताहीन निर्माण की जितनी दुर्गति बीते 5- 6 वर्षों से देखने को मिली है शायद वैसी दुर्दशा पहले कभी देखने को नही मिली तथा गुजरे इन वर्षों से अबतक पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के तहत जितने भी निर्माण कार्य कराए गए उन सबका आस्तित्व धरातल पर ठीक से नजर नही आता।अधिकारियों को यदि सच्चाई जाननी है तो ज्यादा नही बीते 6 माह पूर्व एसडीओ द्वारा जितने भी पुल- पुलिया, सीसी रोड, नाली निर्माण का गुणवत्ता प्रमाणित किया गया है उनका जायजा लेने पर सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी लेकिन अफसोस कि संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में जरा भी फुर्सत नही है।जिसका बेजा लाभ एसडीओ श्री कंवर उठा रहे है।बहरहाल 21 फरवरी से संचालित विधानसभा सत्र काल तक किसी भी अधिकारी को मुख्यालय नही छोड़ने के निर्देश को उक्त अधिकारी ठेंगा दिखाते हुए अपने बिलासपुर स्थित निवास से पाली कार्यालय आनाजाना कर रहे है।ऐसे में अश्वमेघ के घोड़े पर तो दो बहादुर वीरों ने लगाम कस लिया था लेकिन इस बेलगाम अधिकारी पर लगाम कौन कसे...?

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