सुकमा(IBN24NEWS) अनुसूचित जनजाति और अन्य पंरपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 पथा संशोधित नियम 2012, पेसा अधिनियम एवं अनुसूचित क्षेत्र में भूमि क्रय-विक्रय की धारा 170 (ख) के संबंध में आज जिला पंचायत सुकमा के सभा कक्ष में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नया रायपुर अटल नगर छ.ग. द्वारा प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षक डॉ.मनोहर चैहान, डा.अशोक जयसवाल तथा श्री एल.चैहान उप संचालक, टी.आर.आई. रायपुर के द्वारा वन अधिकार अधिनियम, वन अधिकार कानून की विशेषता, वन अधिकार समिति के कार्य एवं कर्तव्य तथा वन अधिकार हेतु दावा भरने की प्रक्रिया, दावा प्रस्तुती के लिए समितियों की भूमिकाओं, सामुदायिक वन संसाधन क्षेत्र एवं सीमांकन नक्शा प्रस्तुती में जी.पी.एस/जी.आई.एस की भूमिका, पेसा अधिनियम की प्रमुख विशेषता, आदिम जनजाति की जमीन अंतरित के संबंध में कानूनी प्रावधान, गैर कानूनी तरीके से अंतरित जमीन की प्रतिवर्तन की व्यवस्था, अंतरणों में एवं परिवर्तनों में विभागीय अधिकारियों की भूमिका एवं जिम्मेदारी के संबंध में तथा आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में होने वाली गतिविधियों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सुकमा श्री बद्रीश सुखदेवे ने बताया कि जिला में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के समस्त अधिकारों तथा कल्याणकारी योजनाओं लाभ प्रदान कराने के लिए विभाग सतत् कृत संकल्पित है। जिला स्तरीय प्रशिक्षण उपरांत विकास खण्ड स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन विकास खण्ड मुख्यालय में जिले के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर के द्वारा प्रदाय की जायेगी।
प्रशिक्षण सह कार्यालय शाला में अनुविभागीय अधिकारी(रा.), वन क्षेत्रपाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, तहसीलदार, जनजाति समाज के प्रमुख तथा जिला स्तरीय और उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समिति के सदस्य तथा जनपद पंचायतों के 05-05 अनुभवी सरपंच सम्मिलित हुए।
0 Comments