सूरजपुर/प्रतापपुर- वन विभाग की भूमि में बेधड़क रेत माफियाओं के द्वारा जंगल के अंदर नदी-नाालों से अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा हैं। अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर वन विभाग और खनिज विभाग दोनों की खामोश हैं। हर रोज अवैध रूप से 50 से अधिक ट्रिप रेत उत्खनन और परिवहन कर राजस्व की हानि की जा रही हैं।
वन परिक्षेत्र प्रतापपुर के जंगल और नाडीई से धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है और प्रशासनिक अमला चुप्पी साधे हुए हैं। नदी-नालों के पास से जुड़े गांव के ग्रामीणों ने बताया कि रेत माफियाओं को वन विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ है। यही वजह है कि अवैध रेत उत्खनन से लेकर परिवहन के दौरान भी कार्रवाई नहीं होती हैं। गौरतलब हैं कि बिना रोक-टोक वन विभाग की भूमि से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है और जिम्मेदार अधिकारियों पूछने पर कहा जाता है जानकारी मिलने पर कार्रवाई करेंग। रेत माफियाओं के द्वारा इस शरीर को शहरों में कई गुना रेट पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। इनके मजदूरों के द्वारा रेत खोदकर उसे इकट्ठा कर लिया जाता हैं ट्रैक्टर और छोटे गाड़ियों के आते कभी कभार बड़े गाड़ियों में भी रेत को जल्द भरकर रवाना कर दिया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार रेत के अवैध कारोबार में फॉरेस्ट विभाग के बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर का संरक्षण है। इससे रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। इस पूरे कारोबार में लगभग 10 से 12 कारोबारियों के द्वारा यह कार्य का संचालन किया जा रहा है।
जंगल में अवैध परिहवन जारी/---
प्रतापपुर क्षेत्र से सटे जंगलों के अंदर बगड़ा, कोटेया, बाकी, भैसामुण्डा, केवरा, धरमपुर, खड़गवां, जगरनाथपुर जैसे कई ग्राम पंचायतों के बगल से निकलने वाले नदी- नालों और इनके जंगलों से अवैध रेत का उत्खनन कर शहरी क्षेत्रों में और कोयलांचल क्षेत्र में हो रहे कार्यों इसकी खपत के साथ-साथ कई क्षेत्रों में रेत का सप्लाई किया जाता हैं। अवैध उत्खनन और परिवहन के लिए सुबह 5 से से 10 बजे तक इसके बाद जरूरत पड़ी तो दोपहर में 1 से 3 बजे तक का टाइम भी ले लिया है।
बिना आदेश रेत माफिया सक्रिय जिससे राजस्व विभाग को हो रही है भारी क्षति/---
रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन से शासन को राजस्व की भारी क्षति का नुकसान उठाना पड़ रहा है आसपास के ग्रामों से होकर गुजरने वाली नदी और नालों से भारी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन कर लगातार परिवहन किया जा रहा है रेत माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण भी इन नदी और नालों से अवैध उत्खनन हो रहा है राजनीतिक संरक्षण प्राप्त रेत माफिया के इशारे पर माइनिंग विभाग व जंगल विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है कभी कभार करवाई करना भी पड़ता है तो मामूली चालान काट कर रखा दफा कर दिया जाता है।
ब्यूरो चीफ/--मोहन प्रताप सिंह IBN24 न्यूज चैनल जिला सूरजपुर, छत्तीसगढ़। 9098941446
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