कटघोरा :भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजेश यादव व ग्राम पंचायत पोंडी उपरोड़ा के पूर्व सरपंच सहेत्तरसिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कलेक्टर, तहसीलदार सहित एसडीएम को किसानों का रकबा शीघ्र सुधारने के लिए ज्ञापन सौंपा था जिसमें कुछ किसानों का रकबा में सुधार हुआ है।
ज्ञात हो कि विभिन्न किसानों का रकबा लापरवाही पूर्वक काट दिया गया है जिससे किसान परेशान वह आहत है। गिरदावरी के बहाने किसानों को छला गया है।जिन लोग भारत बन्द का आव्हान किये थे उनको छत्तीसगढ़ का किसानों की समस्याएं क्यो नही दिखाई दे रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार किसानों का अहित करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने भाजयुमो प्रदेश मंत्री ने रकबा बढ़ाने लापरवाही बरतने वाले पर कार्यवाही करने की मांग की गई थी। प्रदेश में किसानों की समस्याओं को लेकर भाजयुमो प्रदेश मंत्री श्री यादव भी आंदोलन की रूप रेखा तैयार किये हैं।भाजयुमो प्रदेश मंत्री ने बताया किसानों का जो रकबा है उतना का धान खरीदी सरकार को करना पड़ेगा नही तो धान खरीदी केंद्रों में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
ये मुद्दा न केवल किसानों के हित से बल्कि सीधे-सीधे जीवन से ही जुड़ा है। हाल ही में हमने देखा कि कितने किसानों ने कांग्रेस की धान खरीदी नीतियों की वजह से अपनी जान दे दी है। खुद को किसान हितैषी बताने वाली छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार को शर्म आनी चाहिए! आप किसानों का पूरा धान नही खरीद सकते और मोदी सरकार के कृषि बिल से आपको दिक्कत है? आप सही है तो किसान क्यों मर रहे है?कांग्रेस भी कोई आजीवन सत्ता में रहेगी ये धारणा भी मत पाल लेना। कर्ज माफी के नाम पर आपको सत्ता तो मिल गयी पर अभी तो कष्ट किसानों को हो रहा है किसान सब याद रखेंगे। साप्टवेयर मे कम रकबा दिखाया गया है,जो कि राजस्व विभाग की घोर लापरवाही है।
किसान पर्ची (ऋण पुस्तिका)का कोई महत्व नहीं समझा जा रहा है।जबकि उसी पुस्तिका से कई पीढ़ी निकल गये है।एक प्रकार से प्रताड़ना ही है।जब भी ऐसी व्यवस्था कोई सरकार करती है जिसमें त्वरित कार्यवाही हो मतलब स्पष्ट है सरकार समस्याओं से अवगत रहती है मेरा यह बात इसलिये स्पष्ट साबित हो रहा है क्योंकि कोई अधिकारी बिना आदेश कोई नया अपडेट भी नही कर सकता तो समाधान कैसे करेगा विडम्बना ये की जब सरकार समस्याओं व समाधानों को जानती है तो निर्दोष किसानों व जनता को क्यो परेशान कर अपनी शान समझतीं है।कही बारदाने की कमी,कँही रकबा में कमी लेकिन अधिकारी-कर्मचारी अपना गलती नही मानते हैं किसानों पर ही सहजता से गलती थोप देते हैं।धान खरीदी केंद्रों व पटवारी किसानों से सीधे मुँह बात मानी करते हैं।सरकार मौन हैं।आखिर किसान किसके पास अपना दुखड़ा रोएं।यही कारण है हताश निराश होकर आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाते हैं।फिर हाल भाजयुमो प्रदेश मंत्री के सामने शासन को झुकना पड़ा है और किसानों का रकबा में सुधार किया गया है।भाजपा नेताओं के प्रयास से कुछ किसानों का चेहरा पर मुस्कान जरूर आया है।जिसमें पोंडी भाजयुमो अध्यक्ष गंगा पटेल का रकबा में भी सुधार हुआ है।रकबा में सुधार होने से किसानों ने भाजयुमो के प्रति आभार व्यक्त किये हैं।
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