कोरबा/पसान:-वनमंडल कटघोरा के अंतर्गत वनपरिक्षेत्र पसान में वन संपदाओं की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार अधिकारी- कर्मचारियों के नाक नीचे इन दिनों पत्थर तोड़ने एवं बेचने का अवैध कारोबार जमकर फल- फूल रहा है।
फारेस्ट लैंड में पत्थर तोड़ना पूर्ण प्रतिबंधित होता है बावजूद इसके जंगल उत्खनन कर पत्थरों की अवैध ढुलाई होने से विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है।पसान वनपरिक्षेत्र के बेड़पहाड़ी पहाड़, कोरबी शर्मा जलके के पास पत्थर तोड़ाई का कार्य बकायदा मजदूर लगाकर किये जा रहे है जहाँ कई खेपो में निकाले जा रहे पत्थरो को ट्रेक्टर्स, डंफर के माध्यम से लगातार उठाव भी किया जा रहा है।इस मामले में वनपरिक्षेत्राधिकारी सहित वन कर्मियों को खबर होने के बावजूद नजर अंदाज किया जा रहा है।
जंगल मे बेधड़क पत्थर तोड़ाई में नियोजित मजदूरों से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने अपना नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि उनके आकाओं द्वारा वनभूमि से पत्थर निकालने के लिए कहीं से भी किसी प्रकार की अनुमति नही ली गई है जिसके कारण वनविभाग के अधिकारियों को प्रत्येक खदान से प्रतिदिन के हिसाब से पैसे दिए जाते है जिसके एवज में पत्थर उत्खनन करने की छूट दी गई है साथ ही अधिकारियों द्वारा यह भी समझाया जाता है।
कि ढुलाई कार्य मे लगे वाहनों के पहियों के निशान मौके से तत्काल मिटा दिया जाया करें ताकि संबंधित अधिकारिक टीम के औचक निरीक्षण में खनन का ज्यादा पता ना चल सके।बता दें कि पसान वनपरिक्षेत्र में पत्थर तोड़ाई के साथ ही हरे- भरे इमारती पेड़ों की भी अंधाधुंध कटाई वन माफियाओं द्वारा किया जा रहा है ।
जिस पर किसी प्रकार का दूर- दूर तक नियंत्रण देखने को नही मिल रहा है और इस प्रकार विभागीय संरक्षण और सेटिंग के तहत वनसंपदा को भारी क्षति पहुँचाने वाले वर्ग बेफिक्र होकर चांदी काटने में लगे हुए है।दूसरी ओर वन अधिकारी भी खानापूर्ति कर अपना कर्तव्यपालन करते हुए उजड़ रहे जंगलों की सुरक्षा के नाम पर वन मंत्रालय छत्तीसगढ़ को जमकर चूना लगा रहे है।यदि यही हाल रहा तो जंगल का विनाश होने से कतई नही बचाया जा सकता है।
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