युवा लोधी संगठन सक्ती द्वारा सक्ती में दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में समाज हित को ध्यान में रखते हुए समाज द्वारा अहम फैसला लिया गया है जिसमें समाज के लोगों द्वारा लोधी शब्द के सरनेम को छोड़कर अन्य शब्द के इस्तेमाल पर समाज द्वारा पूर्ण प्रतिबंध किया गया है समाज के पदाधिकारी व अन्य लोगों द्वारा लोधी शब्द के जगह दुसरे शब्द के इस्तेमाल पर समाज द्वारा दण्ड का प्रावधान किया गया है
हाल ही में दीपावली पर्व में लोधी समाज द्वारा आयोजित एक मिटिंग में समाज द्वारा लिया गया फैसले पर अमल करने की बात कही गई है।
लोधी समाज के अध्यक्ष व युवा लोधी संगठन के संस्थापक टी सुनील सिंह का कहना है वर्तमान में लोग अपनी निजी जाति को छोड़कर तरह - तरह के सरनेम का इस्तेमाल करते हैं। जो समाज के लोगों को कतही नहीं करना चाहिए समाज में एक सरनेम को छोड़कर अनेकों सरनेमो का इस्तेमाल करने से समाज के अंदर तरह तरफ के विकार उत्पन्न होते हैं वर्तमान समय में लोधी समाज में ऐसे नवयुवक है जो अपने नाम के साथ लोधी शब्द का इस्तेमाल ना करकर तरह - तरह के सरनेमो
का इस्तेमाल करते हैं। जिससे सामने वाले की जाति एक ही होने के बावजुद सामने वाले व्यक्ति की जाति हमें समझने में काफी दिक्कतें आती है। इसी भ्रम को दूर करने के लिए सक्ती में युवा लोधी संगठन सक्ती द्वारा दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में समाज में मौजुद कुछ ऐसे सरारती व्यक्तियों को जो अपने नाम के सरनेम के साथ लोधी शब्द का इस्तेमाल ना कर लोधी शब्द के स्थान पर
वर्मा, जंघेल, चंदेल, पटेल, बघेल, राजपुत, जागडे, कौशिक, ठाकुर, आदि शब्दो का प्रयोग करते पाया जाता है उसको युवा लोधी संगठन सक्ती द्वारा तत्काल प्रभाव से समाज से बाहर करने का काम व उसके ऊपर दण्ड का प्रावधान युवा लोधी संगठन सक्ती द्वारा किया गया है।
लोधी समाज के अध्यक्ष व युवा लोधी संगठन के संस्थापक टी सुनील सिंह का कहना है लोधी समाज में लोधी, लोधा, लोध,शब्द का ही उपयोग करना है इससे समाज के अंदर एकता व अखंडता का निर्माण होगा।
सोनु लोधी पिता सुनील लोधी का कहना है सक्ती में कोई समाज का व्यक्ति समाज की सहमति से लिया गया फैसले को अनदेखा करेगा व समाज की सहमति में अपना योगदान नहीं देगा उसको युवा लोधी संगठन सक्ती द्वारा तत्काल प्रभाव से समाज से बाहर करने का काम युवा लोधी संगठन सक्ती करेगा।
व उनके ऊपर दंडात्मक कार्रवाई भी किया जाएगा।
जिससे जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्से दारी में अहम भूमिका के प्रति समाज अपना योगदान देगा।
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