भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ब्रिग्रेड आई.टी.सेल मीडिया प्रभाग छत्तीसगढ़ प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश अनंत जी छत्तीसगढ़ द्वारा आभार व्यक्त किया।




                                  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ब्रिगेड आई.टी. सेल मीडिया प्रभाग छत्तीसगढ़ के समस्त प्रदेश स्तरीय पदाधिकारीगणों जिलाध्यक्ष, जिला संयोजक, सह संयोजक, तालूका अध्यक्षों एवं कर्मठपूर्वक, निष्ठावान कार्यकर्ताओं द्वारा मनीषा वाल्मिकी को न्याय दिलाने के लिए, बढ़ - चढ़ कर अपनी कर्त्तव्यों का निर्वहन किए हैं।

और उक्त सभी जगहों पर लिखित में ज्ञापन सौंपा गया हैं।


                            जिसके लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।  चौकाने वाले अहम बातें यह हैं कि,एसआई टी जाँच समिति द्वारा यह कहा जा रहा हैं कि,मनीषावाल्मीकि की मृत्यु सांस रुकने की वजह से हुई हैं। ऐसे पुलिस महकमें की कहना हैं,जो अनुचित हैं।साथ ही रोजनामचा में भी केवल एक साधारण रूप से अपराध पंजीबद्ध की जानें की बात सामनें आ रहीं हैं। पुलिस द्वारा वाल्मीकि परिवार को विशेष तौर पर दबाव डाला गया हैं।जिनकी पुष्टि भी हो चुकीं हैं।डॉक्टरी मुलायजा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुष्टि की गई हैं। परिजनों को दबावपूर्ण मृतिका मनीषा वाल्मीकि की शव को दो बजे रात्रि को साक्ष्य को नष्ट करने के उद्देश्य से जलवाया गया हैं।परिजनों को शव को नहीं सौपी गई हैं। जो उनकी मौलिक अधिकार अधिनियम अनुच्छेद धारा 19 (1) के हनन की गई हैं। समस्त दस्तावेजों का प्रतिलिपियाँ बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के परपोते अम्बेडकर अभिभाषक द्वारा निकाली जा चुकीं हैं। और वाल्मीकि परिवार की ओर से उच्च न्यायालय,सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने की बात कहीं गई हैं।

                             उक्त लड़ाई कोई राजनैतिक दलों की नहीं हैं।इंसानियत की जंग हैं। इन्हें कभी भी किसी पार्टी गतिविधियों में न लेवें।यह अनहोनी,जघन्य घिनौनी हरकत किसी की भी माँ बहनों के ऊपर अप्रिय घटना घटित हो सकतीं हैं। और इस तरह की जघन्यता पूर्वक अपराधियों को केवल फॉसी की ही सजा होनी चाहिए।युवती दलित वर्ग से संबंध रखतीं हैं।इसलिए अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के भारतीय दण्ड संहिता की अनुच्छेद धारा कंडिका क्रमांक 1 से 10 वर्णित में निहितार्थ हैं।उक्त अधिनियमों के तहत मामला दर्ज भी होनी चाहिए। कियोंकि यह घिनौना हरकतें माफ़ी के योग्य, काबिलियत नहीं हैं।

         अनुच्छेद धारा 302, 376, 326, 307, 325, 294, क,ख,ग यौन उत्पीड़न अधिनियम धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया जा कर कानूनी प्रक्रिया अपनाई जावें। साथ ही अपराधियों को संरक्षणकर्ताओँ पुलिसकर्मियों को त्वरित सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जावें।

     कियोंकि अपराधियों को साथ देना भी एक अभियुक्त, सह अभियुक्तों बतौर अपराधी हुआ करता हैं।

                                 हम सभी छत्तीसगढ़ के ब्रिग्रेड परिवार महामहिम राष्ट्रपति जी से विशेष तौर पर विनम्रता पूर्वक निवेदन करतें हैं कि, उन दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा अथवा फॉसी की भी सजा की प्रावधान हैं।जब तक उचित न्याय नहीं मिल जातीं और अपराधियों को फॉसी की सजा नहीं होतीं तब तक उक्त जंग जारी रहेंगा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ब्रिग्रेड आई.टी.सेल परिवार जब तक बाल्यमिकी परिवार को न्योचीत न्याय नहीं मिल जातीं तब तक हमेंशा सहानभूति, संवेदना प्रकट करतीं रहेंगी।

              

ब्रिग्रेड समूह छत्तीसगढ़ किसी भी अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए,हर संभव ततपरता से आगें आ कर लड़ाई लड़ने पर बाध्य रहेंगी


           विनीत

प्रदेशाध्यक्ष छत्तीसगढ़

     प्रकाश अनंत

भा.रा.कांग्रेस ब्रिग्रेड आई.टी. 

सेल मीडिया प्रभारी (छ.ग.)

Post a Comment

0 Comments